Rahu Nakshtra Gochar 2024: पापी ग्रह राहु निश्चित लंबी अवधि के बाद राशि के साथ-साथ नक्षत्र भी बदलते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वर्तमान में राहु मीन राशि और रेवती नक्षत्र में स्थित हैं, लेकिन आने वाली 8 जुलाई को सुबह 4 बजकर 11 मिनट राहु रेवती नक्षत्र से निकलकर उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इस परिवर्तन का कुछ राशियों पर विशेष लाभदायक प्रभाव पड़ेगा, वहीं कुछ राशियों के लिए यह समय संभलकर रहने का संकेत होगा. आइए जानते हैं, राहु के उत्तरा भाद्रपद में प्रवेश करने से किन राशियों के जीवन में बढ़ सकती हैं चुनौतियां और किन्हें मिलेगा लाभ…
मेष राशि: राहु का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश मेष राशि के जातक के लिए चुनौतियां लेकर आ सकता है. इस राशि के बारहवें भाव में स्थित राहु के कारण आपको विशेष सतर्कता बरतनी होगी. यदि आपकी कुंडली में राहु की स्थिति अनुकूल नहीं है, तो अचानक बीमारियों और धन हानि का सामना करना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में कर्ज लेने की आवश्यकता भी हो सकती है. शत्रुओं का प्रभाव भी आप पर बढ़ सकता है. नौकरीपेशा जातकों को अचानक ट्रांसफर का सामना करना पड़ सकता है. मेष राशि के जातकों को अपनी वस्त्र, धन और अन्य कीमती सामानों को सुरक्षित रखने में विशेष ध्यान देना चाहिए. भावनाओं में बहकर निर्णय परेशानी का कारण बन सकते हैं, इसलिए सोच-समझकर ही कोई कदम उठाएं.
मिथुन राशि : इस राशि के जातक के लिए राहु का दसवें भाव में गोचर करना जीवन में बड़े परिवर्तनों का संकेत देता है. राहु का इस भाव में होना ज्योतिषीय दृष्टि से अच्छा नहीं माना जाता है, जिससे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. यदि कुंडली में राहु और शनि की स्थिति प्रतिकूल है, तो अचानक काम में कमी, ट्रांसफर और नकारात्मक ऊर्जा का बढ़ना संभव है. उच्च अधिकारियों से अनबन और गुस्से का बढ़ना कार्यक्षेत्र में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जिससे भविष्य में गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इसके अलावा, राहु का नवम भाव से गोचर भी इस राशि के जातकों के लिए अनुकूल नहीं होगा. इससे जीवन में अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. कार्यक्षेत्र में विशेष सतर्कता बरतनी होगी, अन्यथा आपके करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इस समय में समझदारी और संयम से काम लेना आवश्यक है ताकि आप इन ज्योतिषीय प्रभावों को कम कर सकें और अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकें.
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कर्क राशि : इस राशि में राहु का नवम भाव से गोचर इस राशि के जातक के लिए शुभ संकेत नहीं दे रहा है. इस गोचर के दौरान, जातकों को जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. अध्यात्म के प्रति रुचि में कमी आ सकती है, जिससे जीवन में और भी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं. शनि, कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा के शत्रु हैं, जिससे सांसारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस अवधि में पिता के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, और मानसिक तनाव बढ़ सकता है. स्वास्थ्य के प्रति विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी. काम के सिलसिले में बहुत भागदौड़ करने के बावजूद सफलता या लाभ की कमी महसूस हो सकती है. विदेश में व्यापार करने वालों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि धन हानि के संकेत मिल रहे हैं. इस समय में आत्म-संयम और धैर्य रखना आवश्यक है, ताकि आप इन ज्योतिषीय प्रभावों को कम कर सकें और अपने जीवन को सुरक्षित बना सकें.