Rang Panchami 2024 Date: होली के पांच दिन बाद रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. रंग पंचमी का पर्व मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में अधिक प्रचलित है. इसे देव पंचमी और श्री पंचमी भी कहते है. धार्मिक मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन ही भगवान कृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी, इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दिन देवतागण धरती पर आकर रंग, गुलाल या अबीर से होली खेलते हैं. रंग पंचमी 30 मार्च 2024 को मनाई जाएगी. होलिका दहन से होली की शुरुआत होती है, अगले दिन रंग वाली होली, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि पर भाई दूज और पंचमी तिथि पर रंग पंचमी की होली के साथ समाप्ति होती है.
रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 29 मार्च की रात 08 बजकर 20 मिनट पर हो रही है. वहीं, इस तिथि का समापन 30 मार्च को रात 09 बजकर 13 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रंग पंचमी का त्योहार 30 मार्च 2024 दिन शनिवार के दिन मनाया जाएगा, इस दिन होली खेलने का समय सुबह 07 बजकर 46 मिनट से सुबह 09 बजकर 19 मिनट तक है.
रंग पंचमी की पूजा कैसे की जाती है?
रंग पंचमी के दिन कमल के फूल पर बैठी लक्ष्मी नारायण के चित्र को घर के उत्तर दिशा में स्थापित करें और लोटे में जल भरकर रखें. गाय के घी का दीपक प्रज्वलित कर लाल गुलाब के फूल लक्ष्मी नारायण जी को अर्पित करें. एक आसन पर बैठकर ॐ श्रीं श्रीये नमः मंत्र का तीन माला जाप करें. लक्ष्मी नारायण जी को गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं.
रंग पंचमी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रंग पंचमी के दिन ही कान्हा जी ने ब्रज की लाड़ली राधा रानी के साथ होली खेली थी. मान्यता यह भी है कि इस दिन देवी-देवता धरती पर आकर होली खेलते हैं और हवा में गुलाल उड़ाते है. इस दिन हवा में उड़ाया गया गुलाल जिस व्यक्ति पर गिरता है उसके ऊपर भगवान की विशेष कृपा बरसती है. इसके अलावा कुंडली में ग्रह दोष दूर करने के लिए इस दिन देवताओं को गुलाल, अबीर अर्पित करना चाहिए. रंग पंचमी के दिन सच्चे मन से भगवान की पूजा करने से देवी-देवता प्रसन्न होकर आप पर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं. रंग पंचमी का यह पावन पर्व पंच तत्व जैसे पृथ्वी, अग्नि, वायु, जल एवं आकाश को सक्रिय करने के लिए मनाई जाती है.