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Shani Shukra Yuti: जन्मकुंडली के द्वादश भावों में शुक्र और शनि की युति, लाता है जीवन में ये बदलाव

Shani Shukra Yuti: सुख और समृद्धि के प्रतीक शुक्र और शनि ग्रह की युति से जीवन में कई बदलाव होते हैं. यहां से जानें जन्मकुंडली में शुक्र और शनि का योग का प्रभाव क्या क्या होता है

Shani Shukra Yuti: ज्योतिषशास्त्र में शनि और शुक्र की युति बहुत ही लाभकारी माना जाता है. शनि और शुक्र की युति के कारण जीवन में कई तरह से सुख मिलता है. इन दोनों ग्रहों की युति के कारण जीवन में भरपूर उर्जा मिलती है. दोनों ग्रह का परिणाम विपरीत होता है शुक्र धन वैभव तथा कम वासना का प्रतीक है. शुक्र सिनेमा, चलचित्र, मनोरंजन, चित्रकार सिनेमा थियेटर जैसे क्षेत्र में कार्य करने का अवसर दिलाता है. शनि सुन्दर और विचित्र ग्रह है. भारतीय ज्योतिष में शनि दुःख आपत्ति, विपती संपति,चोर पुलिस, कारावास संवेदना दुर्घटना सम्बंधित विषय शनि का होता है. जब जन्मकुंडली में इस योग का निर्माण होता है, तब व्यक्ति को ज्यादा प्रभाव पड़ता है. लेकिन आपको यह बात ध्यान रखना पड़ेगा, आपके जन्मकुंडली में शनि और शुक्र की किस भाव में बना हुआ है. अधिकतर यह देखा जाता है शनि और शुक्र की युति कौन सा भाव में बन रहा है, उसी अनुसार फल देते है लेकिन ज्यादातर यह देखा जाता है. शनि और शुक्र के प्रभाव जीवन पर अनुकूल पड़ता है.

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शुक्र और शनि के युति जन्मकुंडली के अलग अलग भाव में अलग -अलग परिणाम देते है. शुक्र वृष तथा तुला राशि के स्वामी है. शनि मकर और कुम्भ राशि के स्वामी है शनि और शुक्र दोनों मित्र ग्रह है. शुक्र और शनि की युति होने से व्यक्ति यथार्थ बन जाता है, जिससे व्यक्ति उन्नति करता है. शुक्र शनि के अशुभ योग से व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डालता है, जैसे धन की कमी अपने प्रियजनों के साथ अलगाव की स्थति में बना देता है.

जन्मकुंडली में पहला भाव में शुक्र और शनि का योग का प्रभाव

जन्मकुंडली के पहला भाव में शुक्र और शनि की युति के प्रभाव से व्यक्ति समाज में प्रभावशील माना जाता है. इनके सभी इच्छा पूरा होती है. मेहनत करने के वावजूद उसका परिणाम धीमी रहता है. स्वास्थ्य मध्यम का होता है. हमेशा अपने बारे में सोच रखते है. हमेशा अपने बारे में सोचते है, कैसे अपने आप को ठीक रखे,स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है.

जन्मकुंडली के दूसरे भाव में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के दूसरे भाव में जब शुक्र और शनि की युति होती है, जिसे व्यक्ति के काम करने के तौर तरीका में बदलाव दिखाईं देगा,भरपूर उर्जा के साथ कार्य करते है. पैतृक संपत्ति,स्थाई संपति का लाभ होता है. व्यापार में उन्नति होता है अपने से बड़ो का आदर सत्कार करते है भूमि भवन का लाभ होता है. इस भाव में दोनों ग्रह की युती बहुत उत्तम माना जाता है.

जन्मकुंडली के तीसरे भाव में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के तीसरे भाव में शुक्र और शनि की युति होने से अपने मेहनत से व्यक्ति धनवान होता है लेकिन परिवार का सहयोग भरपूर मिलता है. ससुराल पक्ष से सहयोग मिलता है. बातचीत अनुशासन में करते है आय ठीक रहता है.

जन्मकुंडली के चौथे भाव में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के चौथे भाव में सूर्य और शनि के युति से मिलाजुला प्रभाव पड़ता है. पैतृक सम्पत्ति का लाभ होता है. पुरातत्व की वस्तु का लाभ होता है. व्यक्ति अनुशासन में रहते है,कार्य ठीक तरह से करते है,

जन्मकुंडली के पंचम भाव में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के पांचवे भाव में शुक्र और शनि के यूटी से संतान का सुख प्राप्त होता है, शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति होता है टेक्निकल तथा उच्य शिक्षा की पढाई का योग बनता है, व्यक्ति के अपने मन के अनुसार कार्य नहीं हो पता है जिसे वह हमेशा चिंतित रहता है.धन से मजबूत होते है.

जन्मकुंडली के छठा भाव में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के छठे भाव में शुक्र और शनि के युति के कारण प्रतियोगिता परीक्षा में उन्नति होता है जीवन में कई प्रतिस्पर्धा में विजय प्राप्त होते है पुरे जीवन काल में सुख समृद्धि, वैभव से पूर्ण करते है,आय के कई स्त्रोत बनते है, स्थाई संपति से लाभ होता है व्यक्ति के वित्तीय स्थिति मजबूत होता है. व्यापार में अच्छा मुनाफा होता है.

जन्मकुंडली के चौथे सातवां में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के सातवे भाव में शुक्र और शनि की युति से वैवाहिक जीवन मिलाजुला होता है, लेकिन यहां पर दो प्रभाव मिलता है कभी -कभी विवाह देर से होती है, कभी जल्दी हो जाता है. पति पत्नी के स्वभाव में बदलाव होते रहता है. कभी कभी अलगाव की स्थति बन जाती है.

जन्मकुंडली के आठवां भाव में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के आठवां भाव में शुक्र और शनि के युति से व्यक्ति के जीवन साथी का सुख अच्छा मिलता है लेकिन ग्रह की स्थति के अनुसार रिश्ते में मतभेद होता है. स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है परिवार का सहयोग मिलता है धन का लाभ होता है.

जन्मकुंडली के नवम भाव में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के नवम भाव में शुक्र और शनि के युति से जीवन भर अच्छा लाभ मिलता है. धार्मिक विचार बनता है, आपके कर्म के अनुसार फल की प्राप्ति होती है, कार्यक्षेत्र में उन्नति होता है. नौकरी में उन्नति होती है जीवन में कई बार पद प्रतिष्ठा का लाभ होता है. भौतिक सुख सुविधा का लाभ होगा समाज में मन सम्मान खूब मिलता है, धन की हमेशा वृद्धि होता है जिसे हमेशा उन्नति करे है आय ठीक रहता है.

जन्मकुंडली के दशम भाव में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के दशम भाव में शुक्र और शनि के यूटी से जीवन में अपने मेहनत के बदौलत निरंतर आगे बढ़ेंगे.इस भाव में दोनों ग्रह के युति से व्यक्ति टेक्नीकल क्षेत्र जैसे पेंटिंग डिजाइनिंग कंप्यूटर, सिनेमा, चलचित्र शिल्पकला के क्षेत्र में से लाभ होता है.व्यक्ति निरंतर आगे बढ़ते रहता है.

जन्मकुंडली के एकादश भाव में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के एकादश भाव में शुक्र और शनि की युति से व्यक्ति को लाभ मिलता है. किसी पैसा देंगे वह जल्द वापस करेगा,नौकरी में पद प्रतिष्ठा का लाभ होता है धन की कमी नहीं होती है आय कई क्षेत्र से होता है. शेयर बाजार तथा सट्टा से लाभ होता है.

जन्मकुंडली के द्वादश भाव में शुक्र शनि के युति

जन्मकुंडली के द्वादश भाव में शुक्र शनि के यूटी के प्रभाव से व्यक्ति को अपने कार्य क्षेत्र में ध्यान देना पड़ेगा. मन में अलगाव की स्थति बनती है देर से विवाह होता है, अपने मित्र के साथ मतभेद बनता है, स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा खर्च ज्यादा होता है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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