Shiv Barat: देवघर-26 फरवरी को महाशिवरात्रि है. इस दिन देवघर के बाबा मंदिर में करीब दो लाख भक्तों की भीड़ हो सकती है. इसे देखते हुए बाबा मंदिर प्रशासक सह डीसी विशाल सागर के निर्देश पर बाबा मंदिर में युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गयी है. मंदिरों का रंगरोगन का कार्य शुरू हो चुका है. इस अवसर पर बाबा मंदिर को फूलों से सजाने की तैयारी है. महाशिवरात्रि को कूपन का दाम भी डबल यानी प्रति भक्त छह सौ रुपए की दर से जारी होगा. महाशिवरात्रि पर भव्य शिव बारात निकाली जाएगी. तीन दशक तक राजनारायण खवाड़े और फिर सांसद निशिकांत दुबे की देखरेख में शिव बारात निकलती थी, लेकिन इस बार पर्यटन विभाग की ओर से इसकी तैयारी की जा रही है.
महाशिवरात्रि पर तेजी से किए जा रहे कार्य
कोलकाता से आए कारीगरों द्वारा मंदिर के गर्भ गृह में लगे एसी तथा बाहर के एसी की मरम्मत आदि के कार्य को प्रारंभ कर दिया गया है. रात में संस्कार मंडप और क्यू कॉम्प्लेक्स के स्पाइरल की मरम्मत का निर्देश दिया गया है.
बाबा मंदिर बिजली इंचार्ज चंदन कुमार को मंदिर में बिजली से संबंधित सभी काम को अपडेट करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. शीघ्र दर्शनम होल्डिंग प्वाइंट और कूपन काउंटर के स्पाइरल को चुस्त-दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है.
निकलेगी भव्य शिव बारात
बैद्यनाथधाम में इस बार महाशिवरात्रि के अवसर पर झारखंड का पर्यटन विभाग भव्य शिव बारात निकालने की तैयारी में जुट गया है. शिव बारात की भव्यता, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने ऐसा निर्णय लिया है. डीसी विशाल सागर ने ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विभाग से उन्हें आदेश मिला है कि शिव बारात की भव्यता बनी रहे, इसके लिए व्यापक तैयारी के साथ आयोजन करवाएं. उन्होंने कहा कि शिव बारात को भव्य बनाने के लिए विभिन्न एनजीओ, समाजसेवी संस्थाओं सहित अन्य संगठनों का सहयोग लिया जायेगा.
पहले इनकी देखरेख में होता था आयोजन
पिछले 31 वर्षों से शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष राजनारायण खवाड़े की अध्यक्षता में शिव बारात निकाली जाती थी. कोरोना के बाद पिछले दो वर्षों से शिव बारात का आयोजन गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की देखरेख में हो रहा था.
15-16 फरवरी को प्रेस कांफ्रेंस में करेंगे साजिश का खुलासा
गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर कहा कि सरदार पंडा की लड़ाई ने देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर का सरकारीकरण कर दिया. अब शिव बारात भी देवघरवासियों के हाथ से निकल सरकार के पास चला गया. इसके पीछे की साजिश का खुलासा वे 15-16 फरवरी को देवघर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगे.
जब शिव जी की बारात देख डर गए थे लोग
कहा जाता है कि भगवान शिव जब माता पार्वती से विवाह करने के लिए अपनी बारात लेकर उनके घर पहुंचे थे तो बारात और भगवान शिव का अद्भुत रूप देखकर लोग डर गए थे. गले में सांप और तन पर राख, एक हाथ में डमरू तो दूसरे हाथ में त्रिशूल लिए शिवजी की बारात में भूत-पिशाच, यक्ष, गंधर्व, अप्सरा, किन्नर, जानवर, सांप-बिच्छू समेत अन्य शामिल थे. यह रूप देखकर पार्वती की मां मैना भी विचलित हो गयीं और इस विवाह से इनकार कर दिया था. तब नारद जी ने भगवान शिव और पार्वती की पुनर्जन्म की कथा उन्हें सुनायी. भगवान शिव की शक्ति से उन्हें अवगत कराया. इसके बाद वे विवाह के लिए मान गए.
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