Shukra Uday 2024: ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, ग्रहों की गति सदैव परिवर्तनशील रहती है, जिसका प्रभाव मानव जीवन और धरती पर भी स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है. समृद्धि, वैभव, प्रेम, सौंदर्य और सुख-समृद्धि के प्रदाता शुक्र ग्रह 29 अप्रैल को पूर्व दिशा में अस्त हो गए थे, जो 28 जून को शाम 5 बजे पश्चिम दिशा में उदय होंगे. बुध की राशि मिथुन में आषाढ़ कृष्ण सप्तमी को शुक्र ग्रह का उदय निश्चित रूप से सभी राशियों को प्रभावित करेगा.
इस पक्ष में दो तिथियों के क्षय होने के कारण लग्न-मुहूर्त प्रारंभ नहीं हो पाएंगे. शुक्रोदय के 10 दिनों के पश्चात ही विवाह-उत्सवों की धूम सुनाई देगी. हिंदू धर्म के सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, जनेऊ, मुंडन, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, द्विरागमन, भवन-निर्माण, वाहन-खरीद, आभूषण-संग्रहण आदि शुक्र ग्रह के उदय के साथ ही आरंभ हो जाएंगे. इस ग्रह के उदय से बाजारों में रौनक लौटेगी और शेयर बाजार में भी तेजी देखने को मिलेगी.
पंचांगों के अनुसार, शुक्र ग्रह के उदय के पश्चात सनातन धर्मावलंबियों के लिए विवाह का शुभ मुहूर्त 15 जुलाई तक ही सीमित रहेगा. मिथिला पंचांग के अनुसार 9 जुलाई से 15 जुलाई तक तीन तथा बनारसी पंचांग के अनुसार सात शुभ लग्न-मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं. इसके बाद चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा. चातुर्मास के बाद इस वर्ष में कुल 18 शुभ लग्न-मुहूर्त शेष रहेंगे.
विवाह-योग्य मुहूर्तों का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में विवाह को सबसे पवित्र बंधन माना गया है, अतएव विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. शास्त्रों के अनुसार विवाह के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में गुरु, शुक्र और सूर्य का शुभ और उदित होना आवश्यक है. रवि-गुरु का संयोग अत्यंत सिद्धिदायक और शुभफलदायी माना जाता है. इन तिथियों पर विवाह संपन्न करना अत्यंत शुभ माना गया है
इस वर्ष के वैवाहिक शुभ मुहूर्त
काशीविश्वनाथ पंचांग के अनुसार:
जुलाई: 9,10,11,12,13,14,15
नवंबर: 16,17,22,23,24,25,26,28,29
दिसंबर: 2,3,4,5,9,10,11,14,15
मिथिला पंचांग के अनुसार
जुलाई: 10,11,12
नवंबर: 18,22,25,27
दिसंबर: 1,2,5,6,11
जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847