21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Sankashti Chaturthi 2024 Date: विकट संकष्टी चतुर्थी कब है 27 या 28 अप्रैल? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और आरती

Sankashti Chaturthi Date 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी का दिन भगवान श्री गणेश को समर्पित है. इस दिन भगवान गणेश और चंद्रमा की विधि विधान से पूजा की जाती है. इस दिन किया गया व्रत और पूजा पाठ वर्ष पर्यंत सुख-समृद्धि और पारिवारिक विकास में सहायक सिद्ध होता है.

Sankashti Chaturthi 2024 Date: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का बहुत ही अधिक महत्व है. हर साल वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस चतुर्थी को विकट संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. विकट संकष्टी चतुर्थी का दिन भगवान श्री गणेश को समर्पित है. इस दिन भगवान गणेश और चंद्रमा की विधि विधान से पूजा की जाती है. इस दिन किया गया व्रत और पूजा पाठ वर्ष पर्यंत सुख-समृद्धि और पारिवारिक विकास में सहायक सिद्ध होता है. आइए जानते हैं विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय…

संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि की शुरुआत 27 अप्रैल 2024 शनिवार की सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर होगी. वहीं संकष्टी चतुर्थी तिथि की समाप्ति 28 अप्रैल 2024 दिन रविवार को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर होगी. संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समय रात 10 बजकर 23 मिनट है. हालांकि अलग अलग शहरों में चांद निकलने के समय में थोड़ा सा अंतर हो सकता है. चंद्रोदय और चंद्रमा दर्शन के बाद व्रत संपूर्ण माना जाता है.

संकष्टी चतुर्थी पूजा की विधि

  • भगवान गणेश जी का जलाभिषेक करें.
  • गणेश भगवान को पुष्प, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं.
  • भगवान गणेश को तिल के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं.
  • विकट संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करें.
  • ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें.
  • पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें.
  • चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य दें.
  • इसके बाद व्रत का पारण करें.

Also Read: Varuthini Ekadashi 2024: वैशाख मास की पहली एकादशी व्रत कब है? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और नियम

गणेश चतुर्थी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

गणेश चतुर्थी के दौरान प्याज, लहसुन और मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. घर में गणेश स्थापना के बाद जो भी बनाएं, सबसे पहले गणेशजी को भोग लगाएं. गणेश स्थापना के समय मंदिर में एक से ज्यादा गणेश जी की मूर्तियां ना हों, यह अशुभ माना जाता है.

गणेश चतुर्थी व्रतं में क्या खाना चाहिए?

इस दिन मीठा खाना चाहिए जैसे साबूदाने की खीर.
इस दिन भोजन न करके एक समय फलहार करना चाहिए.
इस दिन दही सा सेवन किया जा सकता है और साथ ही रस वाले फल खाने चाहिए.
इस दिन व्रत खोलते समय उबले हुए आलू में व्रत वाला सेंधा नमक और काली मिर्च डालकर खाए.

गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

ज्योतिष संबंधित चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किए जाएंगे
यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें