Calendar 2024: इस बार देवशयनी एकादशी, 17 जुलाई से चातुर्मास की शुरुआत होगी और इसका समापन 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन होगा. इस बार चातुर्मास पूरे 118 दिनों तक रहेगा, जबकि पिछले साल चातुर्मास 148 दिनों का था. ज्योतिषियों के अनुसार पिछले साल अधिकमास होने से दो श्रावण मास भी आए थे. इस कारण चातुर्मास 4 माह की बजाय 5 माह का हो गया था. चतुर्मास के बाद पड़ने वाले त्योहार भी पिछले साल के मुकाबले इस बार 11 दिन पहले आएंगे.
चंद्रमास को देखकर ही मनाए जाते हैं तीज त्योहार
सूर्य की गति के आधार पर सौरमास और चन्द्रमा की गति के अनुसार चंद्रमास होता है, इसके अनुसार ही तीज-त्योहार निश्चित किए गए हैं. मूलतः चंद्रमास को देखकर ही तीज त्योहार मनाए जाते हैं. एक चंद्रवर्ष 354 दिनों का होगा और एक सौरवर्ष 365 दिन का होता है. इन दोनों में प्रत्येक वर्ष लगभग 11 दिनों का अंतर रहता है. इसलिए प्रत्येक तीन वर्ष में चन्द्र वर्ष में एक मास जोड़ दिया जाता है. इस तरह उस वर्ष में 12 के बजाय 13 माह हो जाते हैं. इस बढ़े हुए मास को ही अधिकमास कहते हैं. यह सौर्य वर्ष और चन्द्र वर्ष के बीच के अंतर को संतुलित करता है.
जन्माष्टमी 26 अगस्त व अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार 9 अगस्त को नाग पंचमी पड़ रही है. कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को पड़ रही है जो पिछले साल 7 सितंबर को थी. हरतालिका तीज व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा जो पिछले साल 18 सितंबर को था. इस बार तीज 12 दिन पहले मनाई जाएगी. इसी प्रकार सभी त्योहार पिछली साल के मुकाबले 10 से 12 दिन पहले आएंगे. 7 सितम्बर को गणेश चतुर्थी प्रारंभ हो जाएगी. 8 सितम्बर को ऋषि पंचमी का व्रत रखा जायेगा. अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को पड़ रही है जो पिछले साल 28 सितंबर थी. इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से होगी, जो पिछले साल 30 सितंबर से शुरू हुई थी. जिउतिया या जीवित्पुत्रिका का व्रत 25 सितम्बर को रखा जायेगा. नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होगी और दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा. 20 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत रखा जायेगा. इस बार दीपावली एक नवंबर को ही मनाई जाएगी, जबकि पिछले साल 12 नवंबर को थी. 7 नवम्बर को डालाछठ या सूर्यषष्ठी धूमधाम से मनाई जाएगी.
जुलाई से दिसंबर 2024 के बीच कब-कब पड़ें प्रमुख व्रत त्योहार
- 6 जुलाई 2024 दिन शनिवार को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि
- 7 जुलाई 2024 दिन रविवार को जगन्नाथ रथ यात्रा
- 4 अगस्त 2024 दिन रविवार को श्रावण अमावस्या और हरियाली अमावस्या
- 7 अगस्त 2024 दिन बुधवार को हरियाली तीज
- 9 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को नाग पंचमी
- 19 अगस्त 2024 दिन सोमवार को रक्षा बंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत
- 22 अगस्त 2024 दिन गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज, बहुला चौथ
- 26 अगस्त 2024 दिन सोमवार को जन्माष्टमी
- 27 अगस्त 2024 दिन मंगलवार को दही हांडी
- 6 सितंबर 2024 दिन शुक्रवार को हरतालिका तीज और वराह जयंती
- 7 सितंबर 2024 दिन शनिवार को गणेश चतुर्थी और गणेश उत्सव शुरू
- 8 सितंबर 2024 दिन रविवार को ऋषि पंचमी
- 16 सितंबर 2024 दिन सोमवार को कन्या संक्रांति और विश्वकर्मा जयंती
- 17 सितंबर 2024 दिन मंगलवार को अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन
- 18 सितंबर 2024 दिन बुधवार को भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, पितृ पक्ष शुरू और चंद्र ग्रहण
- 25 सितंबर 2024 दिन बुधवार को जीवित्पुत्रिका व्रत
- 3 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार को शरद नवरात्रि और घटस्थापना
- 11 अक्टूबर 2024 दिन शुक्रवार को दुर्गा महा नवमी पूजा और दुर्गा महा अष्टमी पूजा
- 12 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार को दशहरा और शरद नवरात्रि पारण
- 13 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को दुर्गा विसर्जन
- 20 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को संकष्टी चतुर्थी और करवा चौथ
- 29 अक्टूबर 2024 दिन मंगलवार को धनतेरस और प्रदोष व्रत
- 1 नवंबर 2024 दिन शुक्रवार को दिवाली और कार्तिक अमावस्या
- 2 नवंबर 2024 दिन शनिवार को गोवर्धन पूजा
- 3 नवंबर 2024 दिन रविवार को भाई दूज
- 7 नवंबर 2024 दिन गुरुवार को छठ पूजा
2024 में जन्माष्टमी और अनंत चतुर्दशी कब मनाई जाएगी?
2024 में जन्माष्टमी 26 अगस्त को और अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को मनाई जाएगी.
चातुर्मास 2024 की शुरुआत और समाप्ति कब होगी?
चातुर्मास 2024 की शुरुआत 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी से होगी और इसका समापन 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन होगा.
2024 में चातुर्मास कितने दिनों का होगा?
इस बार चातुर्मास पूरे 118 दिनों तक चलेगा, जबकि पिछले साल यह 148 दिनों का था.
अधिकमास क्या होता है और इसका प्रभाव क्या है?
अधिकमास वह समय होता है जब एक चंद्र वर्ष और सौर वर्ष के बीच के अंतर को संतुलित करने के लिए हर तीन साल में एक अतिरिक्त महीना जोड़ा जाता है. 2023 में अधिकमास के कारण चातुर्मास 5 महीने का था.
तीज त्योहार किस आधार पर मनाए जाते हैं?
तीज त्योहार चंद्रमास के आधार पर मनाए जाते हैं, जो चंद्रमा की गति के अनुसार तय होते हैं। चंद्र वर्ष 354 दिनों का होता है, जबकि सौर वर्ष 365 दिनों का होता है.