Jharkhand News: झारखंड के साहिबगंज जिले के 83.5 किलोमीटर क्षेत्र में मां गंगा विराजमान हैं. गंगा में पाए जानेवाले जलीय जीवों को संरक्षण के लिए जिला प्रशासन व वन विभाग सजग है. गंगा की गाय कही जाने वाली डॉल्फिन को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए गंगा क्षेत्र में जल्द ही डॉल्फिन अभ्यारण्य बनाया जाएगा. इसके लिए वन विभाग व जिला प्रशासन ने प्रस्ताव व सभी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है. डॉल्फिन अभ्यारण्य बनाने का मामला सरकार के स्तर पर पेंडिंग है.
बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव बटेश्वरधाम में डॉल्फिन अभ्यारण्य है, जिसको देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट आते हैं. डॉल्फिन को देखने के लिए टूरिस्ट प्रतिदिन भागलपुर जिले के गंगा क्षेत्र में आते हैं. इधर, झारखंड के साहिबगंज जिले में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए डॉल्फिन अभ्यारण्य का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए वन विभाग व जिला प्रशासन ने सरकार को रिपोर्ट भेजी है, जहां मामला पेंडिंग है. डॉल्फिन अभ्यारण्य बन जाने से जिले में इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. जिला में आने वाले टूरिस्ट अब डॉल्फिन भी देख पाएंगे. वहीं टूरिस्ट गंगा विहार के साथ-साथ डॉल्फिन का भी आनंद ले पाएंगे. डॉल्फिन अभ्यारण्य जिले में सबसे यूनिक और सबसे हटकर बनेगा.
गंगा में डॉल्फिन अभ्यारण्य बन जाने से गंगा की गाय कही जाने वाली डॉल्फिन पूरी तरह से संरक्षित हो जाएगी. उक्त क्षेत्र पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगा. इस क्षेत्र में जलीय जीवों का शिकार करना प्रतिबंधित हो जाएगा. जिससे गंगा की गाय पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगी. डीएफओ मनीष तिवारी ने बताया कि डॉल्फिन अभ्यारण्य बनने से गंगा किनारे किसी भी कल कारखाना, इंडस्ट्री को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचेगा. किसी को डरने की जरूरत नहीं है. गंगा में पाए जाने वाले डॉल्फिन का सर्वे जनवरी माह में किया जाएगा. भारतीय वन्य जीव संस्था द्वारा जनवरी माह में जिला का गंगा में पाए जाने वाले डॉल्फिन का सर्वे किया जाएगा. जिसकी तैयारी वन विभाग द्वारा किया जा रहा है.
डीएफओ मनीष तिवारी कहते हैं कि डॉल्फिन अभ्यारण्य का मामला सरकार के पास पेंडिंग है. इससे इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. कहलगांव बटेश्वरधाम तक गंगा डॉल्फिन अभ्यारण्य चल रहा है. डॉल्फिन अभ्यारण्य जिले में बनने से किसी भी कल कारखाने को कोई नुकसान नहीं होगा.
रिपोर्ट: नवीन कुमार