साहिबगंज जिले में अवैध खनन और टेंडर मैनेज करने का आरोपी विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सीआइपी के नशामुक्ति केंद्र में इलाज नहीं कराना चाहता है. रिम्स मेडिकल बोर्ड की सलाह पर बुधवार को रांची पुलिस रिम्स के पेइंग वार्ड पहुंची और पंकज मिश्रा से सीआइपी स्थित नशा मुक्ति केंद्र चलने को कहा, तो उसने जाने से इनकार कर दिया.
इधर, नशा मुक्ति केंद्र ले जाने के लिए जेल प्रशासन ने रांची पुलिस से सुरक्षा बल भी मंगा लिया था. एक-चार का बल भी उसे ले जाने के लिए आ गया था, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी वह नशा मुक्ति केंद्र नहीं गया. इसके बाद जेल प्रबंधन ने पीएमएलए कोर्ट को लिखित में इसकी जानकारी दे दी है. इधर, रिम्स अधीक्षक को जेल प्रशासन ने अवगत कराया है कि सीआइपी में इलाज की व्यवस्था की जा रही है. पंकज मिश्रा को वहां शिफ्ट कराने पर आपके यहां से छुट्टी कर दी जाये.
गौरतलब है कि इडी ने 19 जुलाई 2022 को पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था. रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद ही उसकी तबीयत खराब हो गयी थी. तब से वह रिम्स में है. 26 नवंबर को उसकी जमानत भी खारिज हो चुकी है. इडी ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉउंड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा पर चार जून को केस दर्ज किया था. उसके खिलाफ साहिबगंज जिला के बरहरवा थाना में वर्ष 2020 में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को साहिबगंज में दर्ज प्राथमिकी में आरोप मुक्त किये जाने के मामले में इडी की नजर अब आइओ के बाद डीआइजी पर भी है. इडी ने पंकज मिश्रा के खिलाफ दर्ज मामले की जांच में तकनीकी और वैज्ञानिक पहलुओं को नजर अंदाज करने की वजह से आइओ सरफुद्दीन खान को समन जारी कर पांच दिसंबर को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है. इडी की ओर से पंकज मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करने के दौरान कोर्ट में लिखित तौर पर यह कहा गया कि पंकज के राजनीतिक रसूख के कारण जिले में दर्ज मामले में उस पर लगे आरोपों को गलत करार दिया गया.
प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा मनी लाउंड्रिंग के आरोप में पूजा सिंघल से संबंधित संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त करने का आदेश एक दो दिनों में जारी होने की संभावना है. जब्त की जानेवाली संपत्तियों में पल्स हॉस्पिटल और पल्स डायग्नोस्टिक शामिल है. दिल्ली स्थिति इडी मुख्यालय ने इससे संबंधित प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है. जब्त की जानेवाली संपत्तियों में पूजा सिंघल की नाजायज कमाई को मनी लाउंड्रिंग कर निवेश करने और उसे जायज करार देने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाने का आरोप है.