Jharkhand News: सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत खरसावां के ढीपासाही स्कूल के 52 बच्चे और अभिभावक गुरुवार को चिलचिलाती धूप में पैदल चलकर खरसावां बीआरसी पहुंचे. बच्चों ने मध्याह्न भोजन, पोशाक समेत अन्य सुविधाओं की मांग पर प्रदर्शन किया. बच्चे हाथों में तख्तियां लिये हुए थे. बीईईओ के नाम एक ज्ञापन सौंपा.
आदिवासी स्कूलों बच्चों ने सुनायी समस्या
सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि स्कूल में अधिकतर बच्चे आदिवासी हैं. सभी बच्चे नियमित विद्यालय आते हैं. ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में प्रतिदिन प्रतिवेदन भेजा जाता है. शिक्षक का प्रतिवेदन ऑनलाइन भेजा जाता है. पोर्टल पर शिक्षक की बायोमैट्रिक उपस्थिति बनायी जाती है. पिछले 11 मार्च से ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में यू-डायस कोड इनवैलिड (अवैध) दिखा रहा है. एनपीएस ढीपासाही स्कूल का यूएमएस दितसाही में विलय करने का मामला न्यायालय में लंबित है. विभाग ने स्कूल के विकास की राशि, पोशाक, छात्रवृत्ति के साथ रसोइया व शिक्षकों का मानदेय भुगतान बंद कर दिया है. बच्चों को मध्याह्न भोजन से वंचित रखा जा रहा है. विद्यालय की समस्या का समाधान करने की मांग की गयी. ज्ञापन में बेलमती होनहागा, अरुण होनहागा, सोमवारी पुरती, गीता पुरती, सुनीता कुई, गुरुवारी बानसिंह, तुलसी होनहागा समेत 52 ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं.
छात्रों को सरकारी योजना का मिलेगा लाभ : बीईईओ
इस संबंध में खरसावां की बीईईओ वसुंधरा कुमारी दास ने कहा कि वर्ष 2018 में एनपीएस ढीपासाही का यूएमएस दितसाही में विलय कर दिया गया. उक्त स्कूल के पारा शिक्षकों को यूएमएस दितसाही में योगदान के साथ बच्चों का नामांकन का निर्देश दिया गया है. एक पारा शिक्षक ने योगदान कर दिया है. एनपीएस ढीपासाही में पूर्व में अध्ययनरत छात्रों के किसी भी विद्यालय में नामांकन कराने के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा.
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एनपीएस ढीपासाही का यूएमएस दितसाही में हुआ विलय : बीपीओ
वहीं, खरसावां के बीपीओ पकंज कुमार महतो ने कहा कि वर्ष 2018 में एनपीएस ढीपासाही का यूएमएस दितसाही में विलय कर दिया गया है. ढीपासाही स्कूल के बच्चों का एनपीएस दितसाही या अन्य किसी विद्यालय में नामांकन कराने को कहा गया है. बच्चों का नामांकन होने के बाद उन्हें मध्याह्न भोजन समेत अन्य सुविधाएं मिलने लगेगी.