सरायकेला (प्रताप मिश्रा) : सरायकेला का सपूत चंद्राय सोरेन सोमवार (20 जुलाई, 2020) को अपने पैतृक गांव में पंचतत्व में विलीन हो गया. सुबह 11 बजे तिरंगा में लिपटा चंद्राय सोरेन का पार्थिव शरीर जैसे ही पैतृक गांव छोटा दावना पहुंचा, लोगों की आंखें नम हो गयीं. माहौल गमगीन हो गया.
नम आंखों से ही लोगों ने ‘चंद्राय सोरेन अमर रहे’ के नारे लगाये. शहीद के पार्थिव देह को रविवार (19 जुलाई, 2020) की देर शाम को जिला पुलिस लाइन लाया गया था, जहां जिला के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. सोमवार को पुलिस लाइन से वाहनों के काफिले के साथ पार्थिव देह को पैतृक गांव पहुंचाया गया.
इस दौरान जगह-जगह पर लोगों ने वाहन को रोककर चंद्राय सोरेन को श्रद्धा सुमन अर्पित किये. काफिले में राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन, एसपी मो अर्शी, एसडीपीओ राकेश रंजन समेत कई पुलिस अधिकारी शामिल थे. ये सभी लोग शहीद चंद्राय के गांव छोटा दावना पहुंचे.
पुलिसकर्मियों ने यहां अपने बहादुर जवान को आंतिम सलामी दी. सामाजिक नियमों व परंपराओं का निर्वहन करते हुए गांव के बगल में चंद्राय सोरेन को सुपुर्द-ए-खाक किया गया. चंद्राय सोरेन के बड़े बेटे विवेक सोरेन (7) ने पिता को मुखाग्नि दी.
उल्लेखनीय है कि संथाल परगना के साहिबगंज जिला स्थित बहरेट में 27 जून, 2020 को अपराधियों से लोहा लेते हुए चंद्राय सोरेन गंभीर रूप से घायल हो गये थे. उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 19 जुलाई, 2020 की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया.
रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची स्थित जैप-1 में जाकर झारखंड पुलिस के इस बहादुर सिपाही को श्रद्धांजलि दी थी. इसके बाद चंद्राय सोरेन के पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव भेजने की व्यवस्था की गयी. लेकिन, रात में उनके पार्थिव देह को सरायकेला पुलिस लाइन में रखा गया और सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया.
Posted By : Mithilesh Jha