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सरायकेला के राजनगर में सोहराय पर्व की धूम, ढोल-नगाड़े पर थिरकते दिखें आदिवासी समुदाय के लोग

झारखंड के सरायकेला- खरसावां जिला अंतर्गत राजनगर क्षेत्र में आदिवासी समुदाय का पांच दिवसीय सोहराय पर्व की शुरुआत हुई. इस दौरान लोग ढोल- नगाड़े की थाप पर थिरकते दिखे. गुरुवार को गोट माड़ा पूजा के सोहराय पर्व की शुरुआत हुई. वहीं, शुक्रवार को पालतू पशुओं का स्वागत किया गया.

Jharkhand News (सुरेंद्र मार्डी, राजनगर, सरायकेला- खरसावां) : आदिवासी समुदाय में पांच दिनों तक मनाने वाला सोहराय पर्व गोट माड़ा पूजा के बाद गुरुवार से शुरू हो गया. राजनगर प्रखंड क्षेत्र के रोड़ा एवं भुरसा गांव छोड़कर प्रायः सभी गांवों में गुरुवार को गोट माड़ा पूजा किया गया. शुक्रवार को अपने पालतू पशुओं का स्वागत किया गया. राजनगर के गम्देसाई गांव में सारी सोहराय (हर पांच साल में मनाये जाने वाली सारी सोहराय) मनाया गया. ग्रामीणों ने गांव के पूजा स्थान (मांझी थान) में पूजा- अर्चना किये. इसके बाद पूरे गांव में ढोल- नगाड़े की थाप पर थिरकते नजर आये.

जानें सोहराय पर्व की महता

मालूम हो कि सोहराय पर्व के अवसर पर अपने पालतू पशुओं को नदी, नाला या तालाबों में नहलाया जाता है. पशुओं को नहाने के बाद ग्रामीण गांव के एक छोर में नायके (पुजारी) द्वारा पूजा अर्चना की जाती है. इसके बाद खिचड़ी के रूप में भोग को ग्रहण करते हैं.

इसके बाद नायके (पुजारी) द्वारा पूजा किये स्थान पर मुर्गी का अंडा रखा जाता है. इसके बाद गांव के सभी पालतू पशुओं के साथ अंडा रखे स्थान में भ्रमण करते हैं. पूजा स्थल पर रखे अंडा में जिस पालतू पशु का पैर लग जाता है या पैर से दबकर फुट जाता है,उस पशु को भाग्यशाली मानते हुए उसकी पूजा अर्चना की जाती है.

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शाम होते ही सभी पुरष अपने पालतू पशुओं को तेल लगाते हैं. वहीं, महिलाएं सुप में अरवा चावल, धूप, घास एवं दीये-बत्ती से पालतू पशुओं की आरती उतारती है. दूसरे दिन भी सभी अपने पालतू पशुओं को नहलाते हैं. इसी दिन गोहाल पूजा किया जाता है. गोहाल पूजा में अलग-अलग घरों में अलग- अलग पूजा की जाती है.

शाम के समय सभी अपने- अपने घर के मुख्य द्वार (जिसमें पालतू पशु प्रवेश करते हैं) पर आलपाना लिखकर (अरवा चावल की गुंडी से लिखने वाला) उसपर घास रखा जाता है, ताकि घास को खाते हुए पालतू पशुओं को घर में स्वागत किया जाता है. वहीं, पशुओं की पूजा अर्चना भी जाती है.

Posted By : Samir Ranjan.

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