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ओड़िया पत्रिका ‘उत्कल प्रसंग’ के रथयात्रा विशेषांक का लोकार्पण, प्रभु जगन्नाथ व ओड़िया संस्कृति का है जिक्र

ओडिशा सरकार के सूचना व लोक संपर्क विभाग के अधिकारी देवाशीष पट्टनायक ने कहा कि ओड़िया संस्कृति काफी समृद्ध व उन्नत है. हमारी जगन्नाथ संस्कृति को जानने, सीखने व अपनाने के लिये देश-विदेश के हजारों लोग पहुंचते हैं.

खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश: खरसावां के मौसीबाड़ी गुंडिचा मंदिर के समीप रविवार को सादे कार्यक्रम में ओडिया पत्रिका ‘उत्कल प्रसंग’ के रथयात्रा विशेषांक का विमोचन किया गया. इसके साथ ही लोगों के बीच पत्रिका का वितरण भी किया गया. पत्रिका का लोकार्पण ओडिशा सरकार के सूचना व लोक संपर्क विभाग अधिकारी देवाशीष पट्टनायक, उत्कल सम्मिलनी के जिलाध्यक्ष सुमंत चंद्र मोहंती, जिला परिदर्शक सुशील षाडंगी, नरसिंह चरण पति आदि ने किया.

ओड़िया संस्कृति है काफी समृद्ध

मौके पर उपस्थित ओडिशा सरकार के सूचना व लोक संपर्क विभाग के अधिकारी देवाशीष पट्टनायक ने कहा कि ओड़िया संस्कृति काफी समृद्ध व उन्नत है. हमारी जगन्नाथ संस्कृति को जानने, सीखने व अपनाने के लिये देश-विदेश के हजारों लोग पहुंचते हैं. ओड़िया भाषा, साहित्य व संस्कृति के उत्थान व प्रचार-प्रसार के लिये ओड़िशा का सूचना व लोक संपर्क विभाग कार्य कर रहा है. कार्यक्रम में मुख्य रूप से बिरोजा पति, माधव सतपथी, नरेंद्र दाश, तपन पटनायक, उत्तम मिश्रा, सुजीत हाजरा, गोवर्धन राउत, विप्लव पाणी, चुना डे समेत काफी संख्या में ओड़िया समुदाय के लोग मौजूद थे.

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प्रभु जगन्नाथ की महिमा व ओड़िया भाषा के लेख व कविता का संग्रह है उत्कल प्रसंग

उत्कल प्रसंग पत्रिका के रथयात्रा विशेषांक में श्री जगन्नाथ संस्कृति पर विशेष फोकस किया गया है. इसमें देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित होने वाली रथयात्रा के साथ-साथ रथयात्रा के आयोजन पर विभिन्न लेखकों के विचारों को स्थान दिया गया है. पत्रिका में प्रभु जगन्नाथ की महिमा को रेखांकित करते लेख, ओड़िया भाषा से संबंधित लेख, कविता का संग्रह है. पत्रिका में प्रभु जगन्नाथ की महिमा व जगन्नाथ संस्कृति के कई अनछूए पहलुओं को भी प्रमुखता से स्थान दिया गया है. करीब तीन सौ पन्नों वाले उत्कल प्रसंग पत्रिका को स्थानीय ओड़िया भाषी लोगों में नि:शुल्क वितरण किया गया.

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