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बिहार के इस विश्वविद्यालय से छात्रों का हुआ मोहभंग, स्नातक की 39 हजार में से 21 हजार से अधिक सीटें रह गयी खाली

वर्ष 2021 में पहली, दूसरी व तीसरी सूची प्रकाशित होने के बावजूद 9200 सीटों पर दाखिला नहीं हो सका था. वहीं वर्ष 2022 में पहली व दूसरी सूची निकाल गयी और उसके बाद विषय चेंज कर नामांकन के लिए एक अतिरिक्त अवसर भी दिया गया था. जिसके बाद भी 10,200 सीट खाली रह गयी.

छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय में स्नातक के पिछले तीन सत्रों में 40 हजार से अधिक सीट खाली रह गयी. इन सीटों पर नामांकन के लिए छात्रों ने रुचि नहीं दिखायी. वर्ष 2021 में पहली, दूसरी व तीसरी सूची प्रकाशित होने के बावजूद 9200 सीटों पर दाखिला नहीं हो सका था. वहीं वर्ष 2022 में पहली व दूसरी सूची निकाल गयी और उसके बाद विषय चेंज कर नामांकन के लिए एक अतिरिक्त अवसर भी दिया गया था. जिसके बाद भी 10,200 सीट खाली रह गयी. वहीं स्नातक के वर्तमान सत्र 2023-27 में कुल 39 हजार सीटों में से 21 हजार सीटों पर दाखिला नहीं हो सका. इस सत्र में नामांकन के लिए सिर्फ पहली लिस्ट ही जारी की गयी. जिसमें शामिल 25 हजार छात्रों में से सिर्फ 18 हजार ने ही नामांकन कराया.

पहली बार हुआ जब एक सत्र में इतनी अधिक सीट खाली रह गयी

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब एक सत्र में इतनी अधिक सीट खाली रह गयी. दाखिले के पीछे रुचि कम होने की प्रमुख वजह जेपीयू में सत्रों की अनियमितता, कॉलेज में संसाधनों का अभाव है. वहीं अब परीक्षा परिणाम में भी हो रही देरी से छात्रों का कैरियर संकट में पड़ रहा है. पिछले तीन सत्रों से परीक्षा परिणाम जारी करने के बावजूद वेबसाइट पर दो से तीन माह की देरी से अपलोड किया जा रहा है. जिस कारण छात्र-छात्राएं प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित रह जा रहे हैं.

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10 ऐसे विषय जिसमें 20 फीसदी भी नहीं होते दावेदार

जेपीयू में स्नातक के अंतर्गत कई ऐसे विषय हैं. जिसमें नामांकन के लिए 20 फीसदी भी दावेदार नहीं होते हैं. भोजपुरी, दर्शनशास्त्र, गणित, संस्कृत, ग्रामीण अर्थशास्त्र, सोशियोलॉजी, उर्दू जैसे विषयों में नामांकन के लिए निर्धारित सीट पर 20 से 25 फीसदी आवेदन ही प्राप्त होता है. वहीं पिछले तीन सत्रों में भोजपुरी व ग्रामीण अर्थशास्त्र में महज आठ से 10 छात्रों ने ही अपना दाखिला कराया.

वोकेशनल विषय नहीं होने से भी छात्रों की रुचि नामांकन में घटी

कई छात्र संगठन कॉलेज में वोकेशनल विषय की पढ़ाई शुरू करने की मांग करते रहे हैं. वोकेशनल विषय नहीं होने से भी छात्रों की रुचि नामांकन में घट रही है. वहीं कुछ ऐसे विषय भी हैं. जिसमें स्नातक स्तर पर तो पढ़ाई होती है. लेकिन पीजी की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में स्नातक कर लेने के बाद छात्रों को पीजी के लिए दूसरे विश्वविद्यालय में जाने की मजबूरी रहती है. यही कारण है कि इन विषयों में नामांकन की संख्या लगातार घट रही है.

सीबीसीएस सिलेबस से जगी है उम्मीद

विश्वविद्यालय छात्र कल्याण विभाग के अध्यक्ष तथा नोडल पदाधिकारी डॉ सरफराज अहमद ने बताया कि इस साल से सीबीसीएस सिलेबस स्नातक में जारी कर दिया गया है. ऐसे में अब उम्मीद है कि रोचक सिलेबस हो जाने से नामांकन के प्रति छात्रों की रुचि बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि कॉलेज में लगातार कार्यशाला आयोजित कर सिलेबस से जुड़ी जानकारी छात्रों को दी जा रही है. उन्होंने बताया कि बीसीए, बीबीए, एमबीए, योग, फाइन आर्ट्स, बीजेएमसी व एमजेएमसी जैसे प्रमुख वोकेशनल विषयों को की पढ़ाई विश्वविद्यालय में शुरू करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. कई प्रमुख विषयों के पढ़ाई की मंजूरी सीनेट से मिल भी गयी है. संभवत अगले सत्र से बीसीए को स्थायी कोर्स के रूप में शामिल भी कर लिया जायेगा. राज्य सरकार से भी इसकी अनुमति मिल गयी है. कुछ कागजी प्रक्रिया बाकी है. जिसके बाद इसे लागू कर दिया जायेगा.

कब कितनी सीट रह गयी खाली

– सत्र 2021- 9200

– सत्र 2022- 10200

– सत्र 2023- 21000

ये है आंकड़ा

– जेपीयू में कुल कॉलेज- 32

– स्नातक के विषय- 25

– स्नातक में सीट- 39000

– वोकेशनल विषय- 00

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