बरसोल (पूर्वी सिंहभूम), गौरव पाल : कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग को लेकर पांच अप्रैल, 2023 से अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन के तहत कुड़मी समाज का दो फाड़ को गया. आदिवासी कुड़मी समाज ने रेल जाम वापस लिया है, जबकि पश्चिम बंगाल कुड़मी समाज की घाघरा घेरा सड़क जाम आंदोलन जारी है. आदिवासी कुड़मी समाज ने यात्रियों की परेशानी और सरकार से वार्ता की बात बताते हुए आंदोलन वापस लिया, जबकि पश्चिम बंगाल कुड़मी समाज ने आंदोलन जारी रखने की बात कही है. बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 10 अप्रैल को आंदोलनकारियों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है.
आदिवासी कुड़मी समाज को आंदोलन वापस
जानकारी के अनुसार, अजित प्रसाद महतो के नेतृत्व वाली आदिवासी कुड़मी समाज ने पांच अप्रैल से अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन शुरू किया था. पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के पास कस्तूर स्टेशन एवं खड़गपुर रेल डिवीजन के खेमाशोली स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम कर ट्रेन परिचालन पूर्ण रूप से टाटा- खड़गपुर सेक्शन में ठप था. पश्चिम बंगाल सरकार ने वार्त्ता के लिए 10 अप्रैल को आमंत्रित किया है. इसके बाद रविवार को इस समाज ने रेल रोको आंदोलन को वापस लेने की घोषणा की.
पश्चिम बंगाल कुड़मी समाज का आंदोलन जारी
वहीं, राजेश महतो के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल कुड़मी समाज की ओर से अनिश्चितकालीन रोड (घाघर घेरा) आंदोलन जारी है. बताया गया कि आदिवासी कुड़मी समाज ने रेल मार्ग जाम आंदोलन वापस ले लिया है जबकि खेमाशोली में पश्चिम बंगाल कुड़मी समाज का रेल और एनएच-49 पर रोड जाम जारी है.
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10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के साथ होनी है वार्ता
आदिवासी कुड़मी समाज के अजीत प्रसाद महतो ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि पुरुलिया जिला के डीएम रजत नंदा एवं एसपी अभिजीत बनर्जी की समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. बैठक में प्रशासन की ओर से बताया गया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने समाज के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए समय दिया है. समाज के प्रतिनिधिमंडल और राज्य के मुख्य सचिव के बीच सोमवार को कोलकाता में वार्ता होगी. मुख्य सचिव द्वारा वार्ता के लिए बुलाने के बाद आंदोलन वापस लेने की अपील की. इसके बाद समाज ने अपना आंदोलन वापस ले लिया.
पश्चिम बंगाल सरकार पर दवाब डालने का आरोप
उन्होंने बताया कि रविवार को संगठन के केंद्रीय समिति की बैठक में फैसला लिया गया कि दक्षिण पूर्व रेल के कुस्तोर एवं खेमाशुली स्टेशन समेत विभिन्न सड़कों पर चल रहे आदिवासी कुड़मी समाज का अवरोध आंदोलन को वापस ले लिया गया है. इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाया कि आंदोलन को वापस लेने के लिए काफी दवाब डाला गया. धमकी तक दी गयी. वहीं, सेंट्रल फोर्स बुलाकर सभी को हटाने की बात तक कही गयी. इसके बावजूद जिला प्रशासन के साथ बातचीत के बाद समाज ने आंदोलन वापस लेते हुए सभी को अपने घर वापस जाने की अपील की.
महतो समाज ने आंदोलन जारी रखने की कही बात
इधर, बहरागोड़ा के महतो समाज के छात्र नेता कलन महतो ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में समाज अपनी मांगों पर अटल है. मुद्दे पर केंद्रित है. इसलिए अजित प्रसाद महतो के घोषणा के बाद भी खेमासुली में सड़क एवं रेल मार्ग पर समाज के लोग डटे हैं.
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खड़कपुर रेल डिवीजन को अनिश्चितकालीन बंदी वापस की आधिकारिक सूचना नहीं
खड़कपुर रेल डिवीजन से मिली जानकारी के अनुसार, अनिश्चितकालीन बंदी को वापस लेने के संबंध में कोई भी सूचना रेलवे को नहीं मिली. रेलवे की और से खेमाशूली स्टेसन पर भारी मात्रा में रेल पुलिस बलों की तैनाती की गई है. किसी भी परिस्थिति में निपटने के लिए उनलोग तैयार है. कहा कि बाहर क्या हो रहा है या नहीं हो रहा है उसके बारे में कहना मुश्किल है. लेकिन, जब तक रेलवे को आधिकारिक तौर पर बंदी वापस होने की सूचना नहीं मिलती तब तक कुछ कहा नहीं जाएगा.