Jharkhand Naxal News: पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चक्रधरपुर के वर्षों पुरानी पुल निमार्ण का सपना पर अब ग्रहण लग सकता है. भाकपा माओवादी और पीएलएफआई नक्सली संगठन द्वारा पर्चा देकर लेवी की मांग की गई है. पुल निर्माण में लगी कंपनी को इन नक्सलियों ने पर्चा देकर कहा कि अगर लेवी की मांग पूरी नहीं करती है, तो कार्रवाई के लिए तैयार रहे. इस घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत है.
चक्रधरपुर-बंदगांव प्रखंड को जोड़ने के लिए बन रहा पुल
जानकारी के अनुसार, चक्रधरपुर थाना क्षेत्र के जारकी गांव के समीप चक्रधरपुर और बदंगांव प्रखंड को जोड़ने के लिए वर्षों से एक पुल की मांग की जा रही थी. ग्रामीणों की मांग पर करोड़ों की लागत से मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत पुल का निर्माण शुरू हुआ. इस पुल के निर्माण का ठेका चंदेल कंस्ट्रक्शन को दिया गया. पुल का निर्माण तेजी से हो रहा था. इसी बीच कुछ दिन पहले करीब आठ हथियारबंद भाकपा माओवादियों ने पुल निर्माण स्थल पर दस्तक देते हुए लेवी की मांग की.
10 प्रतिशत कमीशन देने की मांग
हथियारबंद नक्सलियों ने संगठन के नाम पर पुल निर्माण में लगे कर्मियों को एक पर्चा दिया. इस पर्चे में पूरी योजना का 10 प्रतिशत कमीशन देने को कहा गया है. करीब आधा घंटा तक रुकने के बाद सभी नक्सली जंगल की तरफ चले गये. बताया गया कि हथियारबंद नक्सलियों में से एक के पास बड़ा हथियार भी था.
नक्सलियों ने दूसरी बार दी धमक
इस घटना के बाद से काम करने वाले कर्मचारियों में दहशत उत्पन्न हो गया. अभी इस घटना को ठेका कंपनी के कर्मचारी भूल भी नहीं पाये थे कि 23 अप्रैल को पीएलएफआई नक्सली कार्यस्थल पर पहुंचकर संगठन के नाम पर पर्चा देकर लेवी की फिर मांग. पीएलएफआई के इस पर्चे में कहा गया कि पहले पैसा जमा करो, फिर काम करो. साथ ही यह भी धमकी दी कि अगर पुलिस और पत्रकार को सूचना दी, तो अंजाम बुरा होगा. इसमें लेवी देने के लिए नक्सली पर्चे में फोन नंबर भी लिखा गया था. घटना के बाद से कुछ दिन पुल निर्माण का काम भी बंद हो गया था. फिलहाल, पुल निर्माण का काम फिर शुरू हुआ, लेकिन कर्मियों में डर व्याप्त है.
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस को सूचना मिलने के बाद चक्रधरपुर थाना प्रभारी चंदशेखर प्रसाद दलबल के साथ पुल निर्माण स्थल पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की. थाना प्रभारी ने मुंशी एवं मजदूरों से जानकारी प्राप्त किया. पुलिस का कहना है कि नक्सलियों के नाम पर कोई शरारती तत्वों का काम हो सकता है. इस क्षेत्र में कोई नक्सली संगठन सक्रिय नहीं है.
ठेकेदार ने थाने में नहीं की शिकायत
इधर, पुल निर्माण कार्य के इंचार्ज ने बताया कि कुछ लोग आये थे, जो पर्चा देकर गये हैं. हमें यह पर्चा फर्जी लग रहा है. बहरहाल, पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो ग्रामीणों का वर्षों पुराना पुल निर्माण का सपना पर ग्रहण लग सकता है. इधर, गुरुवार को चक्रधरपुर थाना प्रभारी चंद्रशेखर प्रसाद ने बताया कि इस संबंध में सूचना मिली है. लेकिन, ठेकेदार द्वारा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. इसके बावजूद पुलिस मामले की जांच पड़ताल तेज कर दी है.