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Asian Games 2023: कौन हैं किरण बालियान? जिसने 72 साल बाद भारत को शॉट पुट में दिलाया पहला मेडल

भारत को 72 साल बाद शॉट पुट में मेडल दिलाने वाली किरण बालियान एक्सीडेंटल शॉट पुटर हैं. 9 साल पहले गलती से उन्होंने शॉट पुट के जुनियर टूर्नामेंट में अपना नाम दर्ज कराया था.

एशियाई खेलों 2023 में भारत का पदक जीतने का सिलसिला जारी है. अबतक भारत के खाते में 8 गोल्ड, 13 सिल्वर और 13 कांस्य की मदद से कुल 34 पदक आ चुके हैं. इसके अलावा कई अन्य खेलों में भारत को और भी पदक आने की संभावना है. खेल के 6ठे दिन भारत ने दो स्वर्ण , चार रजत और दो कांस्य से कुल आठ पदक अपनी झोली में डाले. जिसमें सबसे यादगार रहा शॉट पुट में किरण बालियान का पदक जीतना. उन्होंने इस स्पर्धा में भारत को 72 साल बाद पदक दिलाया.

72 साल बाद एशियाई खेलों की गोला फेंक स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं किरण

एथलेटिक्स प्रतियोगिता के शुरुआती दिन किरण बालियान कांस्य पदक जीतकर 72 वर्षों में एशियाई खेलों की गोला फेंक स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गयीं, उन्होंने अपने सर्वश्रेष्ठ तीसरे प्रयास में 17.36 मीटर दूर गोला फेंककर भारत का एथलेटिक्स में खाता खोला. किरण इस तरह एशियाई खेलों में महिलाओं की गोला फेंक स्पर्धा में बारबरा वेबस्टर के बाद पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय बन गयीं. मुंबई की एंग्लो-इंडियन बारबरा ने 1951 में नयी दिल्ली में एशियाड के पहले चरण में कांस्य पदक जीता था. इस स्पर्धा में दूसरी भारतीय मनप्रीत कौर 16.25 मीटर के थ्रो से पांचवें स्थान पर रहीं.

एक्सीडेंटल शॉट पुटर हैं किरण बालियान

भारत को 72 साल बाद शॉट पुट में मेडल दिलाने वाली किरण बालियान एक्सीडेंटल शॉट पुटर हैं. 9 साल पहले गलती से उन्होंने शॉट पुट के जुनियर टूर्नामेंट में अपना नाम दर्ज कराया था. किरण बालियान राजस्थान पुलिस में कार्यरत हैं और उनके पिता सतीश बालियान उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत हैं. मेरठ की रहने वाली बालियान शुरुआत में शॉट पुट खेल को लेकर उतनी इंट्रेस्टेड़ नहीं थीं. उन्होंने इस खेल में उन्हें लाने का श्रेय अपने कोच रोबिन सिंह का दिया. उन्होंने बताया, 2014 में मेरठ नॉर्थ मीट थी, जिसमें उनका नाम किसी और के स्थान पर दर्ज हो गया. उस प्रतियोगिता में तीन खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिसमें वो तीसरे स्थान पर रही थी. उन्होंने बताया, पहले मनोरंजन के तौर पर वो भाला फेंका करती थीं, बाद में उनके कोच ने शॉट पुट में उन्हें लाया.

सरबजोत और दिव्या ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में रजत पदक जीता

सरबजोत सिंह और दिव्या टीएस एशियाई खेलों की 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में चीन की जोड़ी से हार गए और रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा. भारत ने इन खेलों में निशानेबाजी में छह स्वर्ण, आठ रजत और पांच कांस्य समेत 19 पदक जीत लिये हैं. भारतीय जोड़ी को चीन के विश्व चैम्पियन झांग बोवेन और जियांग रेंशिन की जोड़ी ने फाइनल 16.14 से हराया. आखिरी शॉट पर 9.9 लगाने वाले 22 वर्ष के सरबजोत ने कहा ,मैं थोड़ा नर्वस था. बहुत ज्यादा दबाव था. मैंने मैच के पहले और बाद में पेट से सांस लेने का अभ्यास किया. दिव्या ने कहा , हमने अच्छा प्रदर्शन किया. फाइनल्स में अपने प्रदर्शन से मैं खुश हूं. पहले से आखिरी शॉट तक मुझे मजा आया.

दिव्या ने जीत के बाद कोच को दिया धन्यवाद

महिला दस मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली दिव्या ने कहा , अगले साल पेरिस ओलंपिक है और मैं क्वालीफाई करने की पूरी कोशिश कर रही हूं. हमारे पास अच्छे कोच हैं जिन्हें मैं धन्यवाद देना चाहती हूं. क्वालीफिकेशन में सरबजोत ने 291 स्कोर किया जबकि दिव्या का स्कोर 286 रहा. दोनों का कुल स्कोर 577 रहा और वे क्वालीफिकेशन में चीन से एक अंक आगे रहे थे लेकिन फाइनल में चीनी जोड़ी ने बाजी मार ली.

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