Chris Broad: भारत और इंग्लैंड के बीच टी20 सीरीज खत्म होने के बावजूद चौथे टी20 मैच में हुए कन्कशन सब्सटीट्यूट विवाद को लेकर चर्चा जारी है. रविवार को खेले गए पांचवें और अंतिम टी20 मैच के बाद भी यह मामला सुर्खियों में बना रहा. इंग्लैंड के कई पूर्व क्रिकेटर और कुछ भारतीय अब भी इस घटना पर अपनी राय दे रहे हैं. इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने इस विवाद पर तंज कसते हुए पांचवें टी20 में अपने चार सब्सटीट्यूट खिलाड़ियों को ‘इम्पैक्ट सब्स’ कहकर संबोधित किया. अब इस पूरे विवाद पर आईसीसी के मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कुछ चौंकाने वाली टिप्पणियां की हैं.
X (पूर्व में ट्विटर) पर एक चौंकाने वाली पोस्ट में ब्रॉड ने दावा किया कि ICC गैर-तटस्थ मैच अधिकारियों को कार्यभार संभालने की अनुमति देकर ‘पक्षपात और भ्रष्टाचार’ के ‘बुरे पुराने’ दिनों की ओर लौट रहा है. क्रिस ब्रॉड ने एक्स पर लिखा, “इस तरह की स्थितियों को रोकने के लिए स्वतंत्र मैच अधिकारियों को लाया गया था! ICC पक्षपात और भ्रष्टाचार के ‘बुरे पुराने दिनों’ में क्यों लौट रहा है?” आपको बता दें कि इस मैच के लिए जवागल श्रीनाथ रेफरी थे. श्रीनाथ अब तक कुल 486 मैचों में रेफरी रह चुके हैं. वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पांचवें सबसे ज्यादा मैचों में रेफरी बनने वाले अधिकारी हैं.
इससे पहले इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने कहा था कि हर्षित राणा शिवम दुबे के लिए एक जैसे प्रतिस्थापन नहीं थे. क्रिस ब्रॉड ने कहा कि वह केविन से पूरी तरह सहमत हैं. पीटरसन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “बिल्कुल सहमत हूं.” “एक भारतीय मैच रेफरी इस भारतीय प्रतिस्थापन की अनुमति देकर कैसे बच सकता है? मैच अधिकारियों को पक्षपात को छोड़ने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए.
हालांकि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के पिता क्रिस ब्रॉड खुद पिछले साल मई में ओवल में इंग्लैंड बनाम पाकिस्तान मैच में अंपायरिंग कर रहे थे. क्रिकबज से बातचीत करने के दौरान जब उनसे एक्स पोस्ट पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, “मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है.” ब्रॉड क्रिकेट के सबसे सम्मानित आईसीसी अधिकारियों में से एक हैं. वे अब तक 622 अतंर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में रेफरी रह चुके हैं. वे सबसे ज्यादा मैचों में रेफरी रहने में तीसरे स्थान पर हैं. इस लिस्ट में रंजन मदुगले (798) और जेफ क्रो (656) पहले और दूसरे नंबर पर हैं.
गौतम गंभीर और सूर्यकुमार का कन्कशन सब्स्टीट्यूट वाला दांव भारतीय दिग्गजों को भी पसंद नहीं आया था. आकाश चोपड़ा और सुनील गावस्कर ने इसकी आलोचना की. महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने गौतम गंभीर की अगुआई वाली टीम प्रबंधन पर निशाना साधते हुए कहा था कि कन्कशन सब्सटीट्यूट को अनुमति देना भी सही नहीं था. गावस्कर ने टेलीग्राफ़ कॉलम में लिखा, “पुणे के खेल में, हेलमेट पर चोट लगने के बाद भी दुबे ने अंत तक बल्लेबाजी की, इसलिए स्पष्ट रूप से, उन्हें कन्कशन सब्सटीट्यूट की अनुमति देना सही नहीं था. हां, अगर बल्लेबाजी करते समय उनकी मांसपेशियों में खिंचाव होता तो कोई सब्सटीट्यूट हो सकता था, लेकिन वह सिर्फ फील्डिंग के लिए होता और वह गेंदबाजी नहीं कर सकते थे.”
रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम भारतीय टीम के प्रतिस्थापन के चयन से नाराज थे. ऐसा लगता है कि इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम में वे बहुत नाराज थे. इस बारे में पूछे जाने पर इंग्लैंड टीम के प्रवक्ता ने कहा कि वे आगे बढ़ चुके हैं. “वह (मैकुलम) ठीक थे. (उन्होंने) खेल के अंत में मैच रेफरी से बात की. हम आगे बढ़ चुके हैं. लेकिन जिस हिसाब से यह मामला चल रहा है, इस पर विवाद बढ़ता दिख रहा है.
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