ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर डेविड वॉर्नर ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कप्तानी प्रतिबंध की अपील के दौरान समर्थन की कमी के लिए सीए को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मुद्दे ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरुआती टेस्ट से पहले उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया. वॉर्नर पर 2018 में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण (Ball Tampering) में उनकी भूमिका के कारण आजीवन नेतृत्व प्रतिबंध लगाया गया था.
इस 36 साल के खिलाड़ी इस साल की शुरुआत में प्रतिबंध के खिलाफ अपील की थी. इस मामले पर डेविड वार्नर और सीए दोनों बंद कमरे में सुनवाई चाहते थे. बोर्ड द्वारा नियुक्त स्वतंत्र आयुक्तों ने हालांकि इसे सार्वजनिक करने पर जोर दिया. इसके बाद वॉर्नर को इस महीने की शुरुआत में अपनी अपील वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. बायें हाथ के इस सलामी बल्लेबाज ने अपने 100वें टेस्ट से पहले कहा कि पर्थ टेस्ट से पहले मेरा मानसिक स्वास्थ्य 100 प्रतिशत नहीं था. उस समय यह चुनौतीपूर्ण था.
वॉर्नर ने कहा कि इसे सही करना अगर मेरे हाथ में होता तो मैं चीजों को ठीक कर लेता लेकिन सीए की ओर से मुझे कोई समर्थन नहीं मिला. वॉर्नर पिछले कुछ समय में खराब लय से जूझ रहे हैं और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पर्थ टेस्ट में शून्य और तीन रन की पारी के बाद उन्हें और आलोचना का सामना करना पड़ा. उन्होंने जनवरी 2020 के बाद से टेस्ट में कोई शतक नहीं लगाया है. इस आक्रामक बल्लेबाज ने कहा कि वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस प्रक्रिया में इतना समय क्यों लगा.
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उन्होंने कहा कि मैंने इस मुद्दे पर फरवरी में सीए से संपर्क किया था. इसलिए हमें नहीं पता कि यह इतना लंबा कैसे खिंच गया. इसका जवाब सिर्फ सीए ही दे सकता है. गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के कारण वॉर्नर पर कप्तानी प्रतिबंध का कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी विरोध किया है और कहा है कि अब बहुत समय हो गया. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को अपने प्रतिबंध हटा लेने चाहिए. वहीं कुछ का मानना है कि प्रतिबंध हटने के बाद भी वॉर्नर इस उम्र में अब कप्तान नहीं बन पायेंगे.