ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर भविष्य में कोचिंग से जुड़ना चाहते हैं और उन्होंने इसके साथ ही कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसी घरेलू प्रतियोगिताओं में आपस में ड्रेसिंग रूम सजा करने के कारण अगले एक दशक के अंदर क्रिकेट से छींटाकशी समाप्त हो जाएगी. इस 37 वर्षीय सलामी बल्लेबाज ने शनिवार को सिडनी में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला. ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान के खिलाफ इस मैच में 8 विकेट से जीत दर्ज करके तीन मैचों की श्रृंखला में क्लीनस्वीप किया था. वार्नर पहले ही एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर चुके हैं लेकिन वह टी20 अंतरराष्ट्रीय और विश्व भर की टी20 लीग में खेलने के लिए उपलब्ध रहेंगे.
वॉर्नर ने ‘फॉक्स क्रिकेट’ से कहा, मेरी भविष्य में कोचिंग से जुड़ने की इच्छा है.पहले मुझे अपनी पत्नी से बात करनी होगी कि क्या मुझे कुछ और दिन तक घर से बाहर रहने की अनुमति है.’ एं हाथ के इस बल्लेबाज को 2018 में केपटाउन में गेंद से छेड़छाड़ करने के मामले से पहले विरोधी खिलाड़ियों के प्रति आक्रामक रवैया अपनाने के लिए जाना जाता था. ऑस्ट्रेलिया ने इस प्रकरण के बाद अपनी खेल संस्कृति में बदलाव किया. इस सप्ताह के शुरू में ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने दावा किया था कि वार्नर के करियर के शुरुआती दौर में कोचिंग स्टाफ ने उन्हें विरोधी खिलाड़ियों पर छींटाकशी करने के निर्देश दिए थे.
वॉर्नर ने कहा, ‘जब मैं टीम में आया तो मेरा काम विरोधी खिलाड़ियों को परेशान करना और जब वह बल्लेबाजी कर रहे हों तो उनका ध्यान भंग करना था. एक व्यक्ति के रूप में मुझे इस तरह से तैयार किया गया था.’ उन्होंने कहा कि आईपीएल जैसी फ्रेंचाइजी टी20 लीग में खिलाड़ी विरोधी देशों के खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करते हैं जिसके कारण छींटाकशी जल्द ही अतीत की बात बन जाएगी. वार्नर ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि भविष्य में आपको छींटकाशी या इस जैसी कोई चीज देखने को मिलेगी. यह हंसी मजाक तक सीमित रह जाएगी जैसे (पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के दौरान) मैं और शाहीन शाह अफरीदी करते थे. मुझे नहीं लगता कि आपको फिर से पहले जैसी आक्रामकता देखने को मिलेगी.’