IIT BABA: महाकुंभ के दौरान हर दिन लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं, लेकिन इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बने हुए हैं IIT वाले बाबा. आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बाबा का असली नाम अभय सिंह है. वे सोशल मीडिया पर अपनी डिग्री को लेकर वायरल हुए थे, उसके बाद खुद को विष्णु और ईश्वर कह कर तरह-तरह के दावे कर रहे थे. लेकिन अब वे एक और कारण से वायरल हो गए हैं. उनका एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे बता रहे हैं, कि कैसे उनकी वजह से भारत ने 2024 का विश्वकप फाइनल जीता था.
उन्होंने तरीका बताया कि कैसे उन्होंने भारत को टी20 वर्ल्ड कप जितवाया था. उन्होंने कहा कि उन्होंने बहुत क्रिकेट देखा है. 2024 का टी20 वर्ल्डकप उन्होंने ही जितवाया था. उन्होंने कहा वे रोहित शर्मा से बार बार कह रहा था, हार्दिक को बॉल दे भाई. लेकिन वो दे ही नहीं रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि घर में बैठकर उन्होंने भारत को जितवा दिया.
बाबा ने कहा, “यहां बैठकर आपको सिग्नल से जुड़ना है और वो जो सिग्नल है वो लाइव आ रहा है. वैसे तो वो एक ही चीज है एनर्जी एक ही रूप में आ रही है. फिर वही हवा में जाकर वेव फार्म में टावर को हिट कर रहा है. अब एनर्जी उस टावर तक कैसे पहुंची, कैमरा ने उस एनर्जी को एब्जॉर्ब किया. तुम सामने देख रहे हो, लेकिन बीच में इनफॉर्मेशन का मैनिपुलेशन (हेरफेर) हो रहा है. बीच-बीच में ये स्टेप्स हो रहे हैं. ये अलग तरह से कोड-डिकोड हो रहा है.” बाबा के इस बयान ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है. उनके इस दावे को लेकर कुछ लोग इसे मजाक मान रहे हैं, तो कुछ इसे दिलचस्प और अनोखा कह रहे हैं.
आपको बता दें कि महाकुंभ में आईआईटियन बाबा महंत सोमेश्वर पुरी के साथ आए थे, लेकिन उन्होंने अपने गुरु के खिलाफ ही अभद्र भाषा का प्रयोग कर दिया, जिसके बाद उन्हें जूना अखाड़े के शिविर से बाहर कर दिया गया. इसके बाद उनके महाकुंभ से गायब होने की खबर आई थी, लेकिन मीडिया में आकर उन्होंने सफाई दी और कहा कि ज्यादा फेमस होने की वजह से मुसीबत में आ गए हैं. अभय सिंह ने बताया कि पहले वह आसानी से बाहर घूम सकते थे, चाय पी सकते थे, और किसी भी टेंट में जाकर आराम कर लेते थे। लेकिन अब, उनकी पहचान के कारण, उन्हें बाहर जाने से पहले सोचना पड़ता है. उनका कहना है कि उनकी सादगी और स्वतंत्रता अब बाधित हो गई है. पहले की तरह न तो वह सहजता से बाहर घूम पाते हैं और न ही सामान्य जीवन जीने का अनुभव कर पा रहे हैं. फेम के इस दबाव ने उन्हें मानसिक और सामाजिक रूप से असुविधाजनक स्थिति में डाल दिया है.
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