IML 2025: क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक यादगार रात थी जब महान सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर शारजाह के ‘डेजर्ट स्टॉर्म’ की यादें ताजा कर दीं. 33 गेंदों में 64 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर उन्होंने इंडिया मास्टर्स को जीत की राह पर ला दिया. लेकिन शेन वॉटसन और बेन डंक की आंधी के सामने उनकी कोशिश नाकाम साबित हुई. ऑस्ट्रेलिया मास्टर्स ने 1 विकेट के नुकसान पर 269 के विशाल स्कोर के दम पर 95 रनों की बड़ी जीत दर्ज की और अंतर्राष्ट्रीय मास्टर्स लीग 2025 में इंडिया मास्टर्स के विजय रथ को रोक दिया.
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तेंदुलकर का जलवा, लेकिन साथी नहीं दे सके साथ
खचाखच भरे वडोदरा के VCA स्टेडियम में दर्शकों को एक बार फिर सचिन तेंदुलकर की क्लासिक बल्लेबाजी देखने को मिली. उन्होंने महज 27 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया और अपनी पारी में 7 चौके और 4 छक्के लगाए. तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ शानदार स्ट्रेट ड्राइव और लेट कट का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिससे स्टेडियम “सचिन-सचिन” के नारों से गूंज उठा. लेकिन दूसरे छोर से उन्हें कोई मजबूत समर्थन नहीं मिला. तेंदुलकर ने अकेले संघर्ष किया और स्कोर को 100/3 तक पहुंचाया, जिससे इंडिया मास्टर्स की उम्मीदें बरकरार रहीं. लेकिन उनकी शानदार पारी का अंत जेवियर डोहर्टी के शानदार कैच से हुआ. तेंदुलकर के आउट होने के बाद यूसुफ पठान ने 15 गेंदों में 25 रन बनाकर कुछ संघर्ष दिखाया, लेकिन उनकी कोशिश भी टीम को हार से नहीं बचा सकी.
वॉटसन और डंक की ऐतिहासिक साझेदारी
इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया मास्टर्स के सलामी बल्लेबाज शेन वॉटसन और बेन डंक ने इंडिया मास्टर्स के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दीं. इन दोनों ने 236 रनों की अविजित साझेदारी की, जो टी20 क्रिकेट में दूसरे विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी में से एक बन गई. वॉटसन, जिन्हें नमन ओझा ने एक रन पर जीवनदान दिया, ने इस मौके को दोनों हाथों से भुनाया और टूर्नामेंट का दूसरा शतक जड़ दिया. बेन डंक ने भी समय की सुई को पीछे घुमा दिया और मैदान के चारों ओर चौकों-छक्कों की बरसात कर दी. उन्होंने महज 23 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया, जबकि वॉटसन ने 29 गेंदों में पचास रन पूरे किए. दोनों बल्लेबाजों ने स्पिनर राहुल शर्मा और पवन नेगी के खिलाफ जबरदस्त आक्रामकता दिखाई और रनरेट को थमने नहीं दिया.
तेज-तर्रार शतक और रिकॉर्डों की बरसात
वॉटसन ने 47 गेंदों में 12 चौकों और 7 छक्कों की मदद से 110 रन बनाए, जबकि डंक ने 53 गेंदों में 12 चौकों और 10 छक्कों की मदद से 132 रनों की अविश्वसनीय पारी खेली. डंक ने सिर्फ 43 गेंदों में शतक पूरा किया, जो टूर्नामेंट का सबसे तेज शतक बन गया. इंडिया मास्टर्स के गेंदबाजों के लिए यह एक कठिन दिन था, खासकर विनय कुमार और राहुल शर्मा के लिए, जिन्हें ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने कोई राहत नहीं दी.
डोहर्टी की घातक गेंदबाजी ने इंडिया मास्टर्स को किया चित
जब इंडिया मास्टर्स लक्ष्य का पीछा करने उतरी, तो उन्हें तेज शुरुआत की जरूरत थी, लेकिन जेवियर डोहर्टी की बेहतरीन गेंदबाजी ने उनकी उम्मीदों को धराशायी कर दिया. डोहर्टी ने 5 ओवर में सिर्फ 25 रन देकर 5 विकेट चटकाए और टूर्नामेंट में पहला पांच विकेट हॉल लेने वाले गेंदबाज बने.
इनपुट- आशीष राज
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