IND vs AUS: टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि अगर स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का हिस्सा नहीं होते तो भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 3-1 की शर्मनाक हार के बजाय 5-0 से क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ता. इस सीरीज में बुमराह ने कमाल का प्रदर्शन किया और प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब जीता. सभी पांच मैचों में बुमराह ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खूब परेशान किया. बुमराह अपने बाकी साथियों से बिल्कुल अलग थे और उन्होंने एक के बाद एक रिकॉर्ड तोड़कर अपना नाम इतिहास की किताबों में दर्ज करा दिया. पूरे सीरीज में उन्होंने 32 विकेट चटकाए.
हरभजन ने बुमराह की जमकर की तारीफ
जसप्रीत बुमराह को ‘राष्ट्रीय खजाना’ बताते हुए हरभजन ने कहा कि अगर वह टीम का हिस्सा नहीं होते तो भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5-0 या 4-0 से सीरीज गंवा देता. हरभजन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘अगर जसप्रीत बुमराह इस दौरे में नहीं होते, तो सीरीज 5-0 से खत्म होती. जस्सी ने पर्थ में भारत को बचाया. एडिलेड के बाद, उन्होंने बाकी मैचों में भारत को बचाया. अगर वह सीरीज में नहीं होते, तो भारत 5-0 या 4-0 से हार जाता.’
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बुमराह की कप्तानी में भारत ने जीता पर्थ टेस्ट
पर्थ में सीरीज के पहले मैच में भारत की रिकॉर्ड तोड़ 295 रन की जीत में बुमराह की अहम भूमिका थी. बुमराह ने बाकी मैचों में भी कहर बरपाना जारी रखा और सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे. भारत की सीरीज हार के बावजूद, बुमराह ने दुनिया भर में प्रशंसा बटोरी और यहां तक कि ट्रैविस हेड ने भी माना कि यह सबसे अच्छा ‘व्यक्तिगत प्रदर्शन’ था जो उन्होंने इस प्रारूप में खेलना शुरू करने के बाद से देखा है.
बुमराह ने तोड़ा बिशन सिंह बेदी का वर्ल्ड रिकॉर्ड
बुमराह ने 5 मैचों की सीरीज में 32 विकेट लिए, जिससे वे ऑस्ट्रेलियाई धरती पर उसके खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए. बुमराह ने 12.64 के असाधारण औसत से यह उपलब्धि हासिल की, जिसमें तीन बार पांच विकेट लेने का कारनामा भी शामिल है. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/76 रहा. ऐसा करके उन्होंने 1977-78 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में बिशन सिंह बेदी के 31 विकेट के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया.