IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां और आखिरी मुकाबला धर्मशाला में खेला जा रहा है. खेल के दूसरे दिन शुक्रवार को टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल ने शतक जड़ा. काफी समय बाद गिल के बल्ले से यह शतक निकला है. गिल एक विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनको तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जा रहा है, जहां वे कई बार फ्लॉप हुए हैं. गिल के लखविंदर गिल इस बात से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि वह गिल के तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के फैसले से सहमत नहीं हैं. गिल पिछले 12 पारियों में अर्धशतक नहीं बना पाए थे.
IND vs ENG: शुभमन गिल ने जड़ा शानदार शतक
तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शुभमन गिल ने शतक जड़कर आपने आलोचकों को शांत तो कर दिया है, लेकिन उनके पिता अब भी यही चाहते हैं कि गिल को सलामी बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर आना चाहिए. गिल के शतक के बाद पीटीआई भाषा ने उनके पिता से बात की और उन्होंने गिल के रन नहीं बना पाने की वजह तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी को बताया. लखविंदर ने पीटीआई से कहा कि जिस क्षण आप अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेलते, आप परेशानी में होते हैं. पूरा खेल आत्मविश्वास के बारे में है. जब आप एक अच्छी पारी खेलते हैं तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है.
IND vs ENG: बेटे को बड़ा स्कोर करते देख खुश होते हैं पिता
गिल के पिता को बहुत अच्छा लगता है, जब उनका बेटा स्क्वायर कट या कवर ड्राइव लगाता है. गिल ने शुक्रवार को अनुभवी जेम्स एंडरसन की गेंद पर भी कई बड़े शॉट लगाए. उनहोंने आगे बढ़कर उनकी गेंद पर छक्का भी लगाया. उन्होंने स्पिनरों पर भी कई शानदार शॉट खेले. गिल के पिता ही उनके बचपन के कोच हैं. अब भी जब गिल घर पर होते हैं तो उनके पिता उनको ट्रेनिंग देते हैं.
IND vs ENG: पिता ने की चेतेश्वर पुजारा से तुलना
लखविंदर ने कहा कि शुभमन को ओपनिंग करना जारी रखना चाहिए था. मुझे लगता है कि यह बिल्कुल भी सही नहीं है. जब आप ड्रेसिंग रूम में अधिक समय तक बैठते हैं, तो दबाव बढ़ जाता है. नंबर तीन न तो ओपनिंग है और न ही यह मध्यक्रम का स्थान है. यह चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ियों के लिए उपयुक्त है जिनका खेल रक्षात्मक है. जब गेंद नई होती है तो आपको अधिक ढीली गेंदें मिलती हैं.
IND vs ENG: रणजी ट्रॉफी को बताया जरूरी
गिल के पिता ने कहा कि वह अपने बेटे के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करते हैं. पहले जब वह किशोर थे, तब वह उनके लिए फैसले लेते थे, लेकिन अब वह परिपक्व हो गए हैं. इस बात के इतर लखविंदर ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए रणजी ट्रॉफी में भाग लेना अनिवार्य करने के बीसीसीआई के फैसले की सराहना की. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों का कैलेंडर इतना व्यस्त होता है कि वे शायद ही रेड बॉल प्रैक्टिस कर पाते हैं. ऐसे में रणजी एक शानदार मंच है.