नयी दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका की पांच मैचों की घरेलू सीरीज में खिलाड़ियों के लिए कोई बायो बबल नहीं होगा. बीसीसीआई के एक सूत्र के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह खबर दी है. क्रिकेटरों की मानसिक स्थिति को बेहतर रखने के लिए बीसीसीआई इस पर विचार कर रहा है. दक्षिण अफ्रीका को भारत में पांच टी20 मैच खेलने हैं. यह मुकाबले नौ जून से शुरू होंगे.
कोविड-19 महामारी को देखते हुए बायो बबल क्रिकेटरों के जीवन का अहम हिस्सा बन गये थे और विदेशों तथा स्वदेश में लगभग सारी सीरीज जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में हुई. जिनमें कड़े नियमों को लागू किया गया. टी-20 सीरीज के मुकाबले नौ से 19 जून के बीच दिल्ली, कटक, विजाग, राजकोट और बेंगलुरू में खेले जाने हैं. खिलाड़ियों और अधिकारियों की सुरक्षा को देखते हुए इंडियन प्रीमियर लीग बायो बबल में ही खेली जा रही है.
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आईपीएल 29 मई को खत्म होगा और बीसीसीआई नहीं चाहता कि उसके खिलाड़ी लीग खत्म होने के बाद एक बार फिर जैविक रूप से सुरक्षित माहौल का हिस्सा बनें. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अगर सब कुछ सही रहा और चीजें अभी की तरह नियंत्रण में रहीं तो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के दौरान जैविक रूप से सुरक्षित माहौल और कड़ा पृथकवास नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि इसके बाद हम आयरलैंड और इंग्लैंड जायेंगे और इन देशों में भी कोई बायो बबल नहीं होगा. बोर्ड को पता है कि जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में जीवन लंबे समय तक व्यावहारिक नहीं है क्योंकि इससे खिलाड़ियों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है. अधिकारी ने कहा कि कुछ खिलाड़ियों को समय-समय पर ब्रेक मिला है लेकिन अगर बड़ी तस्वीर देखें तो एक के बाद एक सीरीज और अब दो महीने आईपीएल के दौरान जैविक रूप से सुरक्षित माहौल का हिस्सा होना खिलाड़ियों के लिए काफी थकाऊ है.
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ब्रिटेन में अभी किसी भी खेल के लिए जैविक रूप से सुरक्षित माहौल नहीं है और इसलिए उम्मीद है कि भारतीय टीम को भी वहां बायो बबल का हिस्सा नहीं बनना होगा. भारतीय टीम को ब्रिटेन में तीन हफ्ते में एक टेस्ट और सीमित ओवरों के छह मुकाबले खेलने हैं. हालांकि माना जा रहा है कि खिलाड़ियों का नियमित परीक्षण होगा जिससे कि सुनिश्चित हो सके कि टीम में कोई पॉजिटिव मामला नहीं हो.