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नये भारत की नई टीम, गांगुली-धौनी-कोहली की कप्तानी में मैच बचाने वाली टीम से मैच जीतने वाली टीम बनने तक का ऐसा रहा है सफर

1932 में टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किये टीम इंडिया (Team India) ने कई उतार चढ़ाव देखें हैं, टीम लगातार आगे ही बढ़ती रही है. शुरूआती दिनों में भारतीय टीम की पहचान जो मैच बचाने के लिए खेल वाली टीम के जैसी थी. फिर टीम इंडिया पर "घर के शेर, विदेशों में ढ़ेर वाला" टैग लगा.

चेन्नई के चेपाक मैदान में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में (IND Vs ENG 2nd Test Match) इंग्लैंड को 317 रनों से रौंद कर भारत (Team India) ने बड़ा कारनामा किया है. इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने 89 साल के अपने टेस्ट इतिहास में रनों के लिहाज से इंग्लैंड को सबसे बड़ी मात दी. भारत के हाथों मिली इस करारी हार को इंग्लैंड लंबे समय तक नहीं भूल पाएगा. इंग्लैंड के खिलाफ जीत दर्ज कर भारत ने इस सदी की 99वीं जीत हासिल की. वहीं अहमदाबाद में खेले जाने वाले अगले मैच को टीम जीतती है तो यह उसकी 100वीं जीत होगी.

20 साल के इंतजार के बाद मिली थी पहली जीत 

बता दें कि साल 2000 से अब तक भारत ने 218 टेस्ट मैचों में 99 जीत हासिल की है. वहीं टीम इंडिया को इस सदी में खेले गये मुकाबले में से 60 मैचों में हार मिली, जबकि 59 मुकाबले ड्रॉ रहे. अगर टीम इंडिया अगला मुकाबला जीतती है तो वह इस सदी की उसकी 100वी जीत होगी. ऐसा करने वाली टीम इंडिया एशिया की पहली टीम बन जायेगी, जिसने इस सदी में 100 जीत अपने नाम किये हों. बता दें कि भारत ने 1932 में टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया और हमें पहली टेस्ट जीत 20 साल के इंतजार के बाद 1952 में टीम इंडिया को पहली बार जीत का स्वाद चखने का मौका मिला था.

मैच बचाने वाली टीम से मैच जीतने वाली टीम बनी 

1932 में टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किये टीम इंडिया ने कई उतार चढ़ाव देखें हैं, पर कई कठिनाइयों के बावजूद टीम लगातार आगे ही बढ़ती रही. शुरूआती दिनों में भारतीय टीम की पहचान जो मैच बचाने के लिए खेलने वाली टीम के जैसी थी. फिर टीम इंडिया पर “घर के शेर, विदेशों में ढ़ेर वाला” टैग लगा. लेकिन वक्त के साथ टीम इंडिया ने अपने प्रदर्शन से सारी धारणाओं को गलत साबित किया है. अब भारतीय टीम की ऐसी पहचान बनी गयी है जो दुनिया के किसी भी मैदान पर जीत हासिल कर सकती है.

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गांगुली-धौनी-कोहली की कप्तानी में ऐसा रहा है सफर

साल 2000 जब टीम इंडिया मैच फिक्सिंग के आरोपों के कठिन दौर से गुजर रही थी, उस समय गांगुली ने कप्तानी संभाली और फिर दुनिया को एक महान लीडरशिप से रूबरू करवाया. भारत को मैच बचाने वाली टीम से मैच जीतने वाली टीम में ट्रांसफॉर्म करने की शुरुआत भी इसी साल से हुई. गांगुली ने भारत को 21 मैचों में जीत दिलाई. गांगुली, द्रविड़ और कुंबले के बाद टीम की कमान महेन्द्र सिंह धौनी ने संभाली. गांगुली के बाद सही मायनों में सफल कप्तान धौनी रहे. धौनी ने 60 में से 27 टेस्ट में टीम को जीत दिलाई. वहीं 21वीं सदी में युवा टीम के कप्तान बने कोहली. कोहली टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान रहे. कोहली ने अब तक 58 टेस्ट मैच में से 34 में जीत हसिल की.

Posted by : Rajat Kumar

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