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IPL Auction 2025: इस नियम में बदलाव को लेकर फ्रेंचाइजियों ने दर्ज कराई शिकायत, रिपोर्ट में दावा

IPL Auction 2025: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के लिए सभी 10 फ्रेचाइजी अपनी टीमें बनाने में जुट गई हैं. खिलाड़ियों को रिटेन करने के लिए बीसीसीआई ने सभी फ्रेंचाइजी को 31 अक्टूबर तक का समय दिया है. इसके बाद मेगा नीलामी में खिलाड़ियों की बोली होगी.

IPL Auction 2025: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) नीलामी की तैयारी में जुट गई है. बीसीसीआई ने पहले ही फ्रेंचाइजियों के लिए रिटेंशन नियमों की घोषणा कर दी है. टीमों को अपने रिटेन किए गए खिलाड़ियों की सूची सौंपने के लिए 31 अक्टूबर 2024 तक का समय दिया गया है. प्रत्येक फ्रेंचाइजी अधिकतम छह खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है, जिसमें राइट-टू-मैच (RTM) विकल्प भी शामिल है. हालांकि, पुराने आरटीएम प्रक्रिया में बदलाव हुआ है, जिसके बारे में फ्रेंचाइजियों ने बीसीसीआई से आधिकारिक शिकायत की है.

क्या है RTM

आईपीएल की फ्रेंचाइजियों ने दावा किया है कि आरटीएम नियम में बदलाव उस उद्देश्य को पूरा करने में सफल नहीं रहेगा, जिसके लिए इसे शुरू में पेश किया गया था. आरटीएम की पुरानी पद्धति के अनुसार, किसी खिलाड़ी की मूल टीम नीलामी में खिलाड़ी पर लगाई गई अंतिम बोली से मिलान करके आरटीएम कार्ड का उपयोग कर उसे रिटेन कर सकती थी. इससे मूल टीम को नीलामी में खिलाड़ी को उसके सही बाजार मूल्य पर बनाए रखने में मदद मिलती थी. हालांकि नए बदलावों में अगर मूल टीम आरटीएम विकल्प का उपयोग करती है तो अंतिम बोली लगाने वाली टीम को राशि को मनमाने मूल्य तक बढ़ाने का मौका दिया गया है.

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क्या है नया बदलाव

नये बदलाव को ऐसे समझा जा सकता है. अगर टीम ए के पास खिलाड़ी एक्स के लिए आरटीएम विकल्प है और टीम बी ने सबसे अधिक बोली 6 करोड़ रुपये की लगाई है, तो टीम ए से पहले पूछा जाएगा कि क्या वे RTM का इस्तेमाल करेंगे. अगर टीम ए सहमत होती है, तो टीम बी के पास अपनी बोली बढ़ाने का मौका होगा. अगर टीम बी अपनी बोली बढ़ाकर 9 करोड़ रुपये कर देती है, तो टीम ए RTM का इस्तेमाल कर सकती है और खिलाड़ी एक्स को 9 करोड़ रुपये में हासिल कर सकती है. अगर टीम बी बोली नहीं बढ़ाने का फैसला करती है तो टीम ए RTM का इस्तेमाल कर उस खिलड़ी को 6 करोड़ रुपये में हासिल कर सकती है.

ये है फ्रेंचाइजियों की शिकायत

क्रिकबज की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसी नियम में बदलाव को लेकर कई फ्रेचाइजी ने बीसीसीआई से सामने शिकायत दर्ज कराई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्रैंचाइजी का तर्क है कि RTM का सार खिलाड़ी का बाजार मूल्य स्थापित करना है, और यह उद्देश्य तब पूरा नहीं होता जब किसी फ्रेंचाइजी को मनमाने ढंग से बढ़ाई गई बोली से मेल खाना पड़ता है. इसी में कहा गया है कि BCCI ने स्पष्ट किया है कि खिलाड़ियों की बोली में वृद्धि कोई भी राशि हो सकती है.

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