केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आईपीएल 2019 में कथित मैच फिक्सिंग के आरोप में सात लोगों को नामजद बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज की हैं. इसके पाकिस्तानी कनेक्शन की भी जांच की जा रही है. कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. एजेंसी ने इस संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की है और सात लोगों को पकड़ा है. सीबीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि मामले को लेकर पूरे देश में जांच की जा रही है.
पीटीआई की खबर के मुताबिक अधिकारी ने कहा कि सीबीआई ने मामले में राष्ट्रव्यापी जांच शुरू कर दी है. दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर और जोधपुर में सात ठिकानों की तलाशी ली गयी है. प्राथमिकी में कहा गया है कि क्रिकेट सट्टेबाजी में संलिप्त व्यक्तियों का नेटवर्क पाकिस्तान से मिली सूचना के आधार पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के तहत होने वाले मैचों के नतीजों को प्रभावित कर रहा है.
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सीबीआई ने पहली प्राथमिकी में दिल्ली के रोहिणी निवासी दिलीप कुमार और हैदराबाद के गुरुम वासु और गुरुम सतीश को आरोपी के तौर पर नामजद किया है. वहीं दूसरी प्राथमिकी में सज्जन सिंह, प्रभुलाल मीणा, राम अवतार और अमित कुमार शर्मा को नामजद किया है. चारों राजस्थान के रहने वाले हैं. बताया गया कि यह गिरोह कथित तौर पर राजस्थान से काम कर रहा था और 2010 से सक्रिय था जबकि दूसरा गिरोह वर्ष 2013 से सक्रिय था.
अधिकारियों ने बताया कि नेटवर्क पाकिस्तान से आने वाली जानकारी के आधार पर काम कर रहा था. साथ ही सट्टे के लिए प्रेरित कर जनता के साथ भी धोखा कर रहा था. उन्होंने बताया कि गिरोह में शामिल लोगों ने अज्ञात बैंक अधिकारियों के साथ साठगांठ कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले थे. ये बैंक खाते फर्जी जानकारी के आधार पर खोले गये थे. ये खाते बैंक कर्मियों की उचित जांच के बिना खोले गये.
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प्राथमिकी में कहा गया है कि भारत में आम लोगों से सट्टे की गतिविधि से मिली राशि विदेश में रह रहे साथियों को भी हवाला के जरिए भेजी जाती थी. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पाया कि दिलीप कई खातों का संचालन कर रहा था और वर्ष 2013 से अबतक कुल 43 लाख रुपये के आर्थिक नियमों का उल्लंघन कर घरेलू स्तर पर उसके खातों में जमा कराये गये.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने पता लगाया कि गुरुम सतीश के छह बैंक खातों में घरेलू स्तर पर 4.55 करोड़ रुपये और विदेश से 3.05 लाख रुपये वर्ष 2012-20 के बीच जमा कराये गये. इसी अवधि में गुरुम वासु के खाते में 5.37 करोड़ रुपये जमा कराये गये. आरोपियों का कोई कारोबार नहीं है जो इस लेनदेन को न्यायोचित ठहरा सके. एजेंसी ने कहा कि राजस्थान के गिरोह में शामिल आरोपी सिंह, मीणा, राम अवतार और शर्मा एक पाकिस्तानी संदिग्ध के संपर्क में थे जिसने उनसे और भारत में कुछ अन्य अज्ञात लोगों से पाकिस्तानी फोन नंबर के जरिये संपर्क किया था.