दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच शेन वाटसन ने कहा कि राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच के आखिरी ओवर में जो कुछ हुआ टीम उसका समर्थन नहीं करती तथा खिलाड़ियों को अंपायरों का फैसला मानना चाहिए था और किसी का मैदान में जाना पूरी तरह ‘अस्वीकार्य’ है.
राजस्थान की शुक्रवार को दिल्ली पर 15 रन की जीत के दौरान तब यह घटना घटी जब अंतिम ओवर में ओबेद मैकॉय की तीसरी गेंद पर रोवमैन पॉवेल ने छक्का जड़ा. यह फुलटॉस थी जिसे दिल्ली की टीम नोबॉल देने की मांग कर रही थी. ऐसे में नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़े कुलदीप यादव ने अंपायर की तरफ इशारा करके आखिरी गेंद का रीप्ले देखने के लिये कहा क्योंकि वह कमर से ऊपर होने पर नोबॉल हो सकती थी. पॉवेल भी अंपायरों से बात करने लग गये लेकिन मैदानी अंपायरों ने कहा कि गेंद वैध थी.
कप्तान ऋषभ पंत ने इसके बाद पॉवेल और कुलदीप से वापस लौटने के लिये कहा. इस बीच दिल्ली सहायक कोच प्रवीण आमरे मैदान पर चले गये. वाटसन ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देखिए, उस आखिरी ओवर में जो हुआ वह बहुत निराशाजनक था. दिल्ली कैपिटल्स अंतिम ओवर में जो कुछ हुआ उसका समर्थन नहीं करता है. उन्होंने कहा कि अंपायर का फैसला, चाहे वह सही हो या गलत, हमें स्वीकार करना होगा. किसी का मैदान पर चले जाना, यह स्वीकार्य नहीं है. यह कुल मिलाकर अच्छा नहीं हुआ. दिल्ली कैपिटल्स को अंतिम ओवर में 36 रन चाहिए थे. पॉवेल ने मैकॉय की पहली तीन गेंदों पर छक्के जड़ दिये थे. इस तरह से दिल्ली को अंतिम तीन गेंदों पर 18 रन चाहिए थे, लेकिन 15 मिनट की देरी से उनकी लय गड़बड़ा गयी और अगली तीन गेंदों पर केवल दो रन बने.
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वाटसन से पूछा गया कि क्या देरी के कारण लय गड़बड़ायी, उन्होंने कहा कि जिस तरह से खेल का समापन हुआ उसे देखकर ऐसा लगता है. जब भी खेल में रुकावट आती है तो लय बिगड़ सकती है. इससे ओबेद मैकॉय को अपनी लय हासिल करने का मौका मिला. आखिर में वह रुकावट राजस्थान के लिये अच्छी साबित हुई. यह दुर्भाग्यपूर्ण रुकावट थी. पंत गुस्से में दिखे. उन्होंने कुलदीप और पॉवेल को वापस बुला लिया, इस बीच वाटसन उन्हें समझाने की कोशिश करते दिखे. इस पूर्व आस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में खेल को जारी रखना चाहिए और अंपायर की बात सुननी चाहिए. वाटसन ने कहा कि आखिर में आपको अंपायरों का फैसला सही हो या गलत, उसे स्वीकार करना होगा और खेल के साथ आगे बढ़ना होगा. मैं यही बात कर रहा था. हमें शुरू से सिखाया जाता है कि आपको अंपायरों के फैसले को स्वीकार करना होगा और हमें यही करना चाहिए था.
राजस्थान रॉयल्स टीम के निदेशक कुमार संगकारा ने आखिरी ओवर की इस घटना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. संगकारा ने कहा कि मुझे लगता है कि वह अंपायर हैं जो खेल को संचालित करते हैं. आईपीएल में बहुत तनाव और दबाव होता है और चीजें नियंत्रण से बाहर जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति आती है तो अंपायर उसे नियंत्रित करते हैं और खेल जारी रहता है. मैं इसे इस तरह से देखता हूं. मैं यह नहीं कह सकता कि क्या स्वीकार्य है और क्या नहीं.