कुछ समय पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने बीसीसीआई के चयन कर्ताओं पर आरोप लगाया था कि मुझसे चयनकर्ताओं ने बात नहीं की जब वो मुझे ड्रॉप करने वाले थे, अब उनके एक और साथी खिलाड़ी इरफान पठान ने भी चयन कर्ताओं पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने मुझे ड्रॉप करने से पहले बात नहीं की. आपको बता दें कि ये बातें उन्होंने सुरेश रैना से इंस्टाग्राम लाइव पर कही.
दरअसल उन्होंने सुरेश रैना को कहा कि मुझे लगता है तुम्हें और मौके दिए जाने चाहिए थे क्योंकि तुम्हारे होने से टीम में बेहतरीन विकल्प मिलता है, जो कि बाएं हाथ से खेलता है. सबसे बड़ी बात तुम पारी को संभाल सकते हो, इस पर रैना ने जवाब दिया कि जिस तरह से अंबाती रायडू ने परफ़ॉर्म किया था. उसके बावजूद उन्हें ड्रॉप कर दिया गया. यहां तक कि उसे भी इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया.
मैं चाहता हूं कि बीसीसीआई आईसीसी के साथ मिल कुछ योजना बनाएं ताकि हमें भी विदेशी लीग खेलने का मौका मिल सकें और हम वहां पर ज्यादा से ज्यादा सीख सकें.
इस पर पठान ने भी उनकी बातों का समर्थन करते हुए कहा कि हां मैं तुम्हारी बातों से सहमत हूं, बीसीसीआई को कम से कम उन खिलाड़ियों को विदशी लीग में खेलने का मौका देना चाहिए जो कि आपके नजर में नहीं है, दुर्भाग्य है कि हमारे यहां पर 30 सालों में खिलाड़ियों को बूढ़ा मान लिया जाता है.
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के माइक हस्सी का उदाहरण देते हुए कहा कि हस्सी ने 30 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलना शुरू किया और जब वो रिटायर किए तब वो ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ियों की गिनती में आने लगे. इरफान ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे याद है कि जब मैं वड़ौदा में था तो बोर्ड के एक पदाधिकारी आए और एसोसिएशन से कहा कि ये हमारे टॉप-30 में नहीं है तो इसे क्यों चुन रहे हैं.
अब भी हमें अगर ये कह दें कि अपने रिटायरमेंट का फैसला वापस ले लें हम आपके चयन के बारे में सोचेंगे तो मैं जी जान से मेहनत करने के लिए तैयार हूं. इस बात पर सुरेश रैना भी हामी भरते नजर आए. आपको बता दें कि इरफान पठान को 2003 में पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए हैट्रिक के लिए याद किया जाता है.