भारतीय टीम मौजूदा समय में इंग्लैंड के साथ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही है. भारतीय टीम सीरीज में अच्छे लय में नजर आ रही है. भारतीय टीम की कमान रोहित शर्मा के हाथों में है. वहीं इस बार बीसीसीआई ने टीम में युवा बल्लेबाजों को मौका दिया है. जिसे भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज भली भांति भुना रहे हैं. जैसे यशस्वी जयसवाल, सरफराज खान और ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ियों ने बल्ले और मैदान में महत्वपूर्ण योगदान देकर टीम को इंग्लैंड के खिलाफ 434 रन की जीत दिलाने में मदद की. तीसरे टेस्ट मुकाबले में जयसवाल और सरफराज जैसे खिलाड़ियों ने बीच में महत्वपूर्ण साझेदारियां निभाई. जुरेल ने स्टंप के पीछे शानदार प्रदर्शन किया और यहां तक कि एक शानदार रन आउट भी किया. इनकी पारी को देखते हुए इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट ने राजकोट टेस्ट के दौरान यशस्वी जायसवाल की आतिशी बल्लेबाजी का श्रेय मांगा था. उनका कहना था कि बैजबॉल की वजह से ही विपक्षी टीम इतने आक्रामक रवैये से बल्लेबाजी कर रही है. इस वजह से उनकी टीम को इस बात का क्रेडिट मिलना चाहिए. जिसके बाद नारिस हुसैन (Nasir Hussain) ने डकेट के इस बयान का विरोध किया है.
Nasir Hussain ने भी बेन डकेट के बयान का किया विरोध
हालांकि उनके इस बयान से इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ज्यादा सहमत नहीं दिखे. माइकल वॉन के बाद अब नासिर हुसैन ने इस बयान पर अपनी टीम को घेरा है और कहा है कि इंग्लैंड के यह कहने के बजाय कि भारत ने उनसे सीखा है, वे उनसे सीख सकते हैं कि टेस्ट मैच कैसे जीते जाते हैं. उन्होंने बेन डकेट के बयान पर कहा, ‘इंग्लैंड के यह कहने के बजाय कि भारत ने उनसे सीखा है, वे उनसे सीख सकते हैं कि टेस्ट मैच कैसे जीते जाते हैं. सरफराज भी बहुत प्रभावशाली थे. यह कोई न्यूजफ्लैश नहीं है. भारत ने बेहतरीन बल्लेबाज की है.’
जयसवाल में बड़े रनों की भूख है: नारिस हुसैन
डेलीमेल.को.यूके के अनुसार जब नारिस हुसैन से सवाल किया गया कि वह यशस्वी जयसवाल की आतिशबाजी से आप कितने रोमांचित हुए और सरफराज खान भी अपने डेब्यू पर चमके. इस सलवा का जवाब देते हुए पूर्व इंग्लिश कप्तान ने कहा, ‘बिल्कुल शानदार. कुछ हफ्ते पहले भारत शायद विराट कोहली और केएल राहुल के बिना कमजोर दिख रहा था लेकिन इससे उनकी बल्लेबाजी में गहराई का पता चलता है. जायसवाल एक शानदार कहानी है. मैं मुंबई के उन मैदानों में घूमा हूं और वहां की प्रतिभा देखी है. यहीं से उन्होंने शुरुआत की और भूख और इच्छा के साथ शीर्ष पर पहुंच गए. उनमें भी बड़े रनों की भूख है.’
रांची की पिच को लेकर नारिस हुसैन ने दी अपनी राय
वहीं रांची में खेले जाने वाले चौथे टेस्ट को लेकर जब उनसे पूछा गया कि उस मैदान पर सिर्फ दो ही टेस्ट मैच खेले गए हैं ऐसे में इतनी सीमित जानकारी के साथ मैदान पर टीमें मैच की तैयारी कैसे करती हैं? इस पर उन्होंने कहा, ‘वहां पिछले मैचों को देखने से ऐसा लगता है कि पिच पहले बैटिंग करने के लिए अच्छी है, जैसे ज्यादातर भारत में होता है. स्थानीय लोगों से बात करें. इंग्लैंड के पास लायंस दौरे पर सलाहकार के रूप में दिनेश कार्तिक थे, जिसकी शायद वर्ल्ड कप कप के दौरान उनके पास कमी थी. यदि आप डीके और रवि शास्त्री जैसे अन्य लोगों से सलाह मांगेंगे तो वे एक-पक्षीय और संकीर्ण नहीं होंगे. वे तुम्हें सामान नहीं देंगे. अन्यथा केवल पिच को देखें और पहले से इसका आकलन न करें जैसा कि इंग्लैंड की अन्य टीमों और कप्तानों ने, जिनमें मैं भी शामिल हूं, अतीत में किया है.’
रांची में खेलते नजर आ सकते हैं केएल राहुल
स्टार बल्लेबाज केएल राहुल की इस मैच के लिए भारतीय टीम में वापसी हो सकती है. राहुल को जांघ की मांसपेशियों (क्वाड्रिसेप्स) में चोट लग गई थी, जिससे वह उबर चुके हैं. राहुल अपने दाहिने क्वाड्रिसेप्स में दर्द की शिकायत के बाद दूसरा और तीसरा टेस्ट नहीं खेल पाए थे. जिसके बाद ये खबर निकल के सामने आ है कि वह अब इस चोट से पूरी तरह से उबर चुके हैं और टीम मेन वापसी कर सकते हैं. वहीं बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया कि राहुल ने पिछले सप्ताह 90 प्रतिशत फिटनेस हासिल कर ली थी.
बुमराह को दिया जा सकता है आराम
चौथा टेस्ट मैच रांची के जेएससीए स्टेडियम में खेला जाएगा. एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को चौथे टेस्ट के लिए आराम दिया गया है. इसका मतलब यह हुआ कि रांची के दर्शक बुम बुम बुमराह की गेंदबाजी का आनंद नहीं उठा पाएंगे.
रांची टेस्ट 23 फरवरी से होगा शुरू
रांची टेस्ट जीतने के बाद पांचवा टेस्ट मुकाबला भारत के लिए केवल औपचारिकता रह जाएगा. रांची टेस्ट शुक्रवार 23 फरवरी से शुरू होने वाला है. माना जा रहा है कि स्टार तेज गेंदबाज के कार्य प्रबंधन के लिए उन्हें आराम देने का फैसला किया गया है. इस टेस्ट सीरीज के बाद अधिकतर खिलाड़ी अगले दो महीनों तक आईपीएल में खेलते दिखेंगे. बता दें कि बुमराह पिछले साल अधिकतम समय तक चोट के कारण मैदान से बाहर रहे थे.