Prithvi Shaw: मुंबई के बल्लेबाज पृथ्वी शॉ लगातार चर्चा में हैं. उन्हें विजय हजारे ट्रॉफी के लिए मुंबई की टीम में शामिल नहीं किया गया, तो शॉ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए निराशा व्यक्त की थी. जिस पर मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारी ने उन पर अनुशासनहीन होने के आरोप लगाया था. अब पृथ्वी ने फिर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अपना गुस्सा निकाला है.
बैट्समैन पृथ्वी शॉ ने शुक्रवार शाम को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. उन्होंने कहा, “अगर आप इसे पूरी तरह से नहीं समझते हैं तो इस पर बात न करें. बहुत सारे लोगों के पास आधी जानकारी होती है लेकिन ओपीनियन की पूरी होती है. फ्राइडे.” हालांकि पृथ्वी ने यह किसके लिए कहा है, यह स्पष्ट नहीं हो रहा. लेकिन यह माना जा सकता है, कि उन पर की गई टिप्पणी के बाद यह रिएक्शन आया है.
टीम में शामिल न किए जाने पर छलका था दर्द
पृथ्वी शॉ का क्रिकेट कैरियर बहुत तेजी से समाप्त हुआ. भारतीय टीम में उन्हें सचिन का रिप्लेसमेंट माना गया. लेकिन अपने व्यवहार से वे टीम इंडिया से बाहर हुए अब उन्हें मुंबई टीम से भी बाहर कर दिया गया. पृथ्वी ने विजय हजारे ट्रॉफी की मुंबई टीम में सेलेक्ट न किए जाने को लेकर भी इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था. उन्होंने कहा था, “हे भगवान मुझे बताइए. मुझे और क्या-क्या देखना है. 65 इनिंग्स, 55.7 की औसत और 126 की स्ट्राइक रेट से 3399 रन, मैं अच्छा नहीं हूं! लेकिन मैं आप पर अपना भरोसा बनाए रखूंगा और उम्मीद है कि लोग भी मुझ पर विश्वास करेंगे. मैं जरूर वापस आऊंगा. ओम साईं राम.”
पृथ्वी शॉ पर लगा अनुशासनहीनता का आरोप
पृथ्वी शॉ के इस पोस्ट पर एमसीए के अधिकारी ने कहा था कि ‘पृथ्वी खुद अपने दुश्मन हैं’. वे रात भर होटल रूम से गायब रहते हैं और सुबह 6 बजे वापस लौटते हैं. वे प्रशिक्षण सत्र में भी भाग नहीं लेते. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान भी वे लगातार अनुशासनहीनता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट में हम 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रहे थे. पृथ्वी अपनी फिटनेस पर ध्यान नहीं देता. गेंद उनके पास से गुजरती है और वह कुछ नहीं कर पाता, बल्लेबाजी करते समय भी वह मुश्किल से गेंद तक पहुंच पाता है. हम अलग-अलग प्लेयर्स के लिए अलग नियम नहीं बना सकते. वे अगर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कुछ जताना चाहते हैं तो एमसीए पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टूर्नामेंट में पृथ्वी शॉ का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. हालांकि उनकी टीम मुंबई ने बीते रविवार को फाइनल में मध्य प्रदेश को हराकर खिताब जीता. लेकिन शॉ बल्लेबाजी में पूरी तरह से विफल रहे. वे नौ पारियों में 200 से ज्यादा रन भी नहीं बना सके. उनका औसत 25 से कम था और नई गेंद का सामना करते समय वह संघर्ष करते नजर आए.
‘हे भगवान, और क्या-क्या देखना है…’ टीम से निकाले जाने पर छलका पृथ्वी शॉ का दर्द
‘Prithvi Shaw खुद अपने दुश्मन हैं, रात भर होटल रूम से गायब थे’, MCA अधिकारी ने किया खुलासा