T20 World Cup : भारत में अक्तूबर-नवंबर में प्रस्तावित टी-20 विश्व कप का आयोजन यूएइ और ओमान में करने की तैयारी हो रही है क्योंकि देश में कोविड-19 की मुश्किल स्थिति के कारण भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआइ) ने आंतरिक रूप से आइसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) को इसकी तैयारी शुरू करने की सूचना दे दी है. इस टूर्नामेंट के लिए यूएइ हमेशा पहला विकल्प था, अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होने विश्व कप के लिए अबू धाबी, दुबई और शारजाह के साथ ओमान की राजधानी मस्कट को चौथे स्थल के रूप में जोड़ा गया है.
इस टूर्नामेंट पर 2500 करोड़ रुपये के राजस्व का दांव लगा होगा. इस टूर्नामेंट से जुड़े हुए आइसीसी के एसोसिएट देश के एक अधिकारी ने कहा कि यह 16 देशों का टूर्नामेंट है और अगर किसी एक टीम के बबल (जैव-सुरक्षित) में कई मामले (कोविड-19) आ गये, तो तो यह आइपीएल की तरह नहीं होगा. टीमों के पास 14-15 खिलाड़ियों के बाहर चयन का विकल्प नहीं होगा. इसमें और भी कई मसले है. एक और बड़ा सवाल यह है कि अगर स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ, तो कितने विदेशी खिलाड़ी भारत आने का जोखिम लेना चाहेंगे.
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आइसीसी बोर्ड के अधिकांश सदस्यों का मानना है कि भारत समय काटने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि अक्तूबर-नवंबर में परिस्थितियां कैसी होगी इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल है. उन्होंने कहा कि अगर आप व्यावहारिक रूप से इसके बारे में सोचते हैं, तो भारत अब कोविड-19 संक्रमण के 1,20,000 से अधिक मामलों रोजाना आ रहे हैं, जो कि अप्रैल के अंत और इस महीने की शुरुआत में आने वाले मामलों के मुकाबले में एक तिहाई के करीब है.
इस अनुभवी अधिकारी ने कहा कि आप 28 जून को टी-20 विश्व कप की मेजबानी के लिए कैसे हां कह सकते है, अगर तीसरी लहर आती है तो आप अक्तूबर के बारे में अभी से स्वास्थ्य स्थिति के बारे में कैसे सोच सकते है. इस मामले में दूसरा सवाल यह है कि अगर बीसीसीआइ भारत में सितंबर में आठ टीमों के आइपीएल को फिर से शुरू करने में झिझक रहा है , तो वह एक महीने के भीतर देश में 16 टीमों की मेजबानी कैसे कर सकता है. उन्होंने कहा कि बीसीसीआइ में हर कोई जानता है कि कोविड-19 पर मानसून का कोई असर नहीं होगा.