कोलकाता : क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा करने के एक सप्ताह से भी कम समय बाद पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री और बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपना फैसला बदलने का मन बनाया है और वह रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने के लिए एक और प्रयास करना चाहते हैं. दो बार की चैंपियन बंगाल पिछले तीन सत्र में दो बार रणजी फाइनल में पहुंची है, लेकिन टीम 1989-90 की सफलता को दोहराने में विफल रही है. तिवारी की अगुवाई वाली बंगाल पिछले सत्र में घरेलू मैदान पर खेले गये फाइनल में खिताब जीतने की प्रबल दावेदार थी, लेकिन सौराष्ट्र ने 2019-20 सत्र के फाइनल के परिणाम को दोहराते हुए उन्हें नौ विकेट से हराया था.
मनोज तिवारी ने ईडन गार्डन्स में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पिछले सत्र में बंगाल की कप्तानी करके फाइनल में पहुंचना मेरे लिए गर्व का क्षण था. मैं खेल को अलविदा कहने से पहले एक बार और इस खिताब लिए जोर लगाना चाहता हूं.’ इस संवाददाता सम्मेलन का आयोजन बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली ने किया था. इस 37 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, ‘मैं अगले साल कोई और ‘यू-टर्न’ नहीं लूंगा. मैं बंगाल क्रिकेट को एक और साल देना चाहता हूं.’
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तिवारी ने कहा कि इंस्टाग्राम पर संन्यास का पोस्ट करके ‘क्रिकेट को अलविदा’ कहने के उनके अचानक फैसले ने उनकी पत्नी सहित सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था. उन्होंने बताया, ‘मेरी पत्नी जिम गई थी और वापस आने के बाद उसने मुझे डांटा भी. दादा (स्नेहाशीष गांगुली) ने भी मुझे वापस लौटने के लिए मना लिया.’ तिवारी ने कहा, ‘मैं एक साल के लिए संन्यास से वापसी कर रहा हूं. बंगाल क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया है. मैं एक आखिरी बार कोशिश करना चाहता हूं, चाहे वह एक खिलाड़ी के तौर पर हो या कप्तान के रूप में हो.’
तिवारी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10,000 रन के ऐतिहासिक रिकॉर्ड (9,908 रन) तक पहुंचने से 92 रन पीछे हैं. उन्होंने अपने 19 साल के शानदार करियर में 29 शतकों के साथ 48.56 की औसत से रन बनाए हैं. उन्होंने 2004 में ईडन गार्डन्स में दीप दासगुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली के खिलाफ पदार्पण किया. तिवारी एक सक्रिय राजनेता भी हैं, जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज्य मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री (खेल और युवा मामले) के रूप में कार्यरत हैं.
उन्होंने पहली बार 2018 में कप्तानी छोड़ी लेकिन चोटों से जूझने के बावजूद बंगाल के लिए खेलते रहे. उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 2021 के विधानसभा चुनाव में शिवपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. नियमित कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन के अनुपलब्ध होने और राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं में व्यस्त रहने के बाद तिवारी पिछले सत्र में बंगाल का नेतृत्व करने के लिए लौट आए. तिवारी ने भले ही पिछले सत्र में बंगाल का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया हो, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वह आगामी सत्र में कप्तानी करेंगे या नहीं.
सीएबी अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली ने कहा, ‘यह इन सब पर चर्चा करने के लिए सही मंच नहीं है. यह कोई महत्वपूर्ण एजेंडा नहीं है, हमने अभी सत्र शुरू किया है. इस पर चयनकर्ता फैसला करेंगे. यह उनका काम है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं उन पर दबाव नहीं डाल सकता. मैंने उनसे सिर्फ इतना कहा कि संन्यास लेने का यह सही तरीका नहीं है. एक खिलाड़ी को 19 साल तक सेवा देने के बाद मैदान से संन्यास ले लेना चाहिए. वही उसका मंच है.’