भारत के 2011 विश्व कप जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर को अपने कंधों पर उठाकर घूमने वाले विराट कोहली की छवि हमारी यादों में आज भी अंकित होनी चाहिए. कोहली भारत के लिए अपना पहला विश्व कप खेल रहे थे और अपने आदर्श को आखिरकार अपने छठे और अंतिम प्रयास में प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतते हुए देखना, कई लोगों की तरह, तत्कालीन भारत के युवा खिलाड़ी के लिए एक सपने के सच होने जैसा था.
सचिन तेंदुलकर को संन्यास लिए नौ साल हो चुके हैं और विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट के सर्वोत्कृष्ट स्टार के रूप में इस महान बल्लेबाज की जगह ली है. तेंदुलकर और कोहली के बीच बेहतर बल्लेबाज कौन है, इस पर बहस कभी खत्म नहीं हो सकती, लेकिन यह कोई रहस्य नहीं है कि दोनों दिग्गज एक-दूसरे के लिए अत्यधिक सम्मान रखते हैं. कोहली और सचिन की कई कहानियां हैं, लेकिन दोनों के बीच सबसे दिल को छू लेने वाला आदान-प्रदान 2013 में मुंबई में तेंदुलकर के विदाई टेस्ट के बाद हुआ.
Also Read: ICC Rankings: टी20 रैंकिंग में केएल राहुल ने विराट कोहली को पछाड़ा, टेस्ट में विराट-रोहित को भारी नुकसान
एक घटना को याद करते हुए सचिन तेंदुलकर कहते हैं कि ओह, मुझे अभी भी यह याद है. मैं अभी-अभी चेंज रूम में लौटा था और मैं आंसू बहा रहा था. तब तक, मुझे पता था कि हां, मैं रिटायर होने जा रहा हूं. मैंने खुद से कहा … ‘ठीक है, बस इतना ही. अपने जीवन में कभी भी आप भारत के लिए एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में मैदान पर नहीं उतरेंगे’. इसलिए मैं सिर पर एक तौलिया के साथ अकेले एक कोने में बैठा था और आंसू पोंछ रहा था. मैं वास्तव में भावुक था.
सचिन ने विराट कोहली के उस गिफ्ट को याद किया जा उन्हें मिला था. उन्होंने कहा कि मैं आपने आंसू नहीं रोक पा रहा था. विराट उस समय मेरे पास आए, और उन्होंने मुझे वह पवित्र धागा दिया जो उनके पिता ने उन्हें दिया था. मैंने उसे थोड़ी देर के लिए रखा और फिर लौटा दिया… उससे कहा कि यह अमूल्य है. यह आपके पास ही रहना चाहिए. यह आपका है और किसी और का नहीं है. आपको इसे अपनी अंतिम सांस तक रखना चाहिए. और मैंने उसे वापस दे दिया. वह एक भावनात्मक क्षण था… कुछ ऐसा जो हमेशा मेरी याद में मेरे साथ रहेगा.
Also Read: टीम इंडिया के 1000वें वनडे से पहले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपनी पसंदीदा पारी का किया जिक्र
विराट कोहली ने सचिन ने कहा था कि हम आमतौर पर अपनी कलाई पर धागे पहनते हैं. भारत में, बहुत से लोग ऐसा करते हैं. इसलिए मेरे पिता ने मुझे एक धागा दिया जो उनके पास था. इसलिए मैं इसे अपने बैग में रखता था. और फिर मुझे लगा कि यह सबसे मूल्यवान है. मैं आपको और अधिक मूल्यवान कुछ नहीं दे सकता था. मैं चाहता हूं कि आप यह जान सकें कि आपने मुझे कितना प्रेरित किया है और आप हम सभी के लिए कितना मायने रखते हैं. यह मेरी ओर से आपको छोटा सा उपहार है.