विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल ऑस्ट्रेलिया से हारने के बावजूद रोहित शर्मा को इस टीम को अगले चक्र में ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. वह अगले डब्ल्यूटीसी फाइनल में दो साल तक कप्तान बने रहेंगे या नहीं यह बहुत दूर की बात है. क्योंकि रोहित तब तक 38 साल के हो जायेंगे. भारत के कप्तान की नियुक्ति भविष्य को ध्यान में रखकर की जाती है. एक ऐसे होनहार खिलाड़ी को चुना जाता है, जिसका करियर कम से कम सात-आठ साल बचा हो.
सीनियर चयनकर्ताओं के पूर्व अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने विराट कोहली को फिर से कप्तान के रूप में नियुक्त करने का समर्थन किया है. भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान, कोहली ने दक्षिण अफ्रीका में 1-2 से सीरीज की हार और सौरव गांगुली से जुड़े विवाद के बाद पद छोड़ दिया था. लेकिन हाल ही में भारतीय क्रिकेट में उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए प्रसाद का मानना है कि कोहली को फिर से कप्तान बनाया जा सकता है. जैसे अजिंक्य रहाणे उप-कप्तान बने हैं.
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प्रसाद ने खेल नाउ पर बात करते हुए कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मैं इस प्रश्न का उत्तर दे सकता हूं या नहीं. मैं चयनकर्ताओं की मानसिकता को नहीं जानता. लेकिन जब अजिंक्य रहाणे वापस आ सकते हैं और उप-कप्तान बन सकते हैं, तो विराट कोहली क्यों नहीं? मुझे नहीं पता कि कप्तानी को लेकर विराट की मानसिकता क्या है. अगर चयनकर्ता रोहित से परे सोच रहे हैं, तो मैं नहीं जानता. मुझे नहीं पता कि वे क्या सोच रहे हैं लेकिन अगर वे रोहित से आगे सोच रहे हैं तो मुझे लगता है कि विराट भी एक विकल्प हो सकते हैं.’
प्रसाद, विराट कोहली को दोबारा कप्तान बनाने का सुझाव देने वाले पहले व्यक्ति नहीं हैं और निश्चित रूप से आखिरी भी नहीं होंगे. पिछले साल, जब रोहित शर्मा बर्मिंघम में भारत और इंग्लैंड के बीच पुनर्निर्धारित पांचवें टेस्ट के लिए अनुपलब्ध थे, तो कई पूर्व क्रिकेटर चाहते थे कि कोहली कप्तानी करें. लेकिन बीसीसीआई ने जसप्रीत बुमराह को चुना. बता दें कि आईपीएल 2023 के दौरान कोहली ने चोटिल फाफ डु प्लेसिस के स्थान पर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी की थी. उस समय टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि कप्तानी के लिए म्यूजिकल चेयर खेलने के बजाय रोहित के उपलब्ध नहीं होने पर कोहली को कप्तान बनाना चाहिए.