वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार के बाद भारत का आईसीसी खिताब जीतने का इंतजार और बढ़ गया है. भारत को कोई भी आईसीसी खिताब जीते करीब एक दशक बीत गया है. टीम इंडिया लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची तो जरूर, लेकिन जीत दर्ज नहीं कर पायी. भारतीय बल्लेबाजों ने काफी खराब प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के आगे बेबस दिखायी दिये. डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत के प्रदर्शन हिंदुस्तान टाइम्स ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया है.
रोहित शर्मा, कप्तान (4/10, खराब) : डब्ल्यूटीसी फाइनल में कप्तान के रूप में रोहित का प्रदर्शन सबसे खराब रहा. टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के फैसले से लेकर रविचंद्रन अश्विन को ड्रॉप करने तक उनकी काफी आलोचना हुई. पहली पारी में 15 रन बनाकर रोहित पैट कमिंस की गेंद पर पगबाधा आउट हुए. दूसरी पारी में उन्होंने संभलकर बल्लेबाजी करने का प्रयास किया और अपने स्कोर को 43 तक पहुंचाया लेकिन नाथन लियोन की गेंद को स्वीप करने के प्रयास में वह दुबार पगबाधा आउट हुए. उनको 10 में से 4 अंक मिले हैं.
शुभमन गिल (3/10, खराब) : टीम इंडिया को युवा बल्लेबाज गिल से काफी उम्मीदें थीं. लेकिन गिल के खराब शॉट चयन ने उन्होंने दोनों पारियों में बड़े स्कोर से दूर रखा. हालांकि दूसरी पारी में उनके 14 रन पर आउट होने के बाद अंपायर के फैसले पर बहस छिड़ गयी. उन्होंने पहली पारी में भी केवल 13 रनों का योगदान दिया. इसी बल्लेबाज ने 800 से अधिक रन बनाकर आईपीएल 2023 का ऑरेंज कैप जीता है. उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में भी टीम प्रबंधन उनपर भरोसा दिखायेगा.
चेतेश्वर पुजारा (2/10, बहुत खराब) : आईपीएल की कोई थकान नहीं होने और एक बेहतरीन काउंटी सीजन होने के बावजूद पुजारा डब्ल्यूटीसी फाइनल में कोई कमाल नहीं दिखा पाये. पहली पारी में पुजारा 14 रन बनाकर कैमरून ग्रीन की गेंद पर बोल्ड हो गये. वह एक बार भी लय में नहीं दिखे. वहीं, दूसरी पारी में पुजारा 27 के स्कोर तक पहुंचे लेकिन पैट कमिंस ने उन्हें बाहर भेज दिया. पुजारा के लिए अब आगे के दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं और टीम से उनकी छुट्टी भी हो सकती है.
विराट कोहली (4/10, खराब) : करीब दो साल के बाद फॉर्म में लौटे विराट कोहली ने आईपीएल में बल्ले का धमाल मचाया. लेकिन डब्ल्यूटीसी फाइनल में कोहली 14 और 49 रन बनाकर आउट हुए. सुनील गावस्कर, संजय मांजरेकर और कुछ अन्य लोगों ने यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया कि कोहली पहली पारी में बेहतर स्थिति में होते अगर वह मिचेल स्टार्क की डिलीवरी के लिए आगे नहीं बढ़े होते. गेंद की लंबाई की परवाह किये बिना आगे बढ़ना कोहली के लिए पिछले कुछ वर्षों में एक समस्या रही है. कोहली ने सफेद गेंद के क्रिकेट में काफी हद तक अपनी फॉर्म वापस पा ली है, लेकिन लाल गेंद के क्रिकेट में वह अपने सर्वश्रेष्ठ से मीलों दूर है और इससे भारत को नुकसान हो रहा है.
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अजिंक्य रहाणे (7/10, अच्छा) : आश्चर्यजनक चयन और बल्लेबाजी लाइन-अप में सबसे चर्चित खिलाड़ी रहाणे फाइनल में भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले निकले. केएल राहुल के चोटिल होने के करीब डेढ़ साल बाद रहाणे ने टेस्ट टीम में वापसी की. पूर्व उप-कप्तान ने पहली पारी में 89 रन बनाये. दूसरी पारी में भी रहाणे ने 46 रनों का योगदान दिया. उनको 10 में से 7 नंबर मिले हैं. उम्मीद है उन्हें आगे भी मौका मिलेगा.
रवींद्र जडेजा (6/10, औसत से ऊपर) : रवींद्र जडेजा को मुख्य रूप से उनकी बल्लेबाजी के कारण रविचंद्रन अश्विन से आगे चुना गया. उन्होंने पहली पारी में धाराप्रवाह 48 रन बनाकर कुछ हद तक इसे सही ठहराया. लेकिन दूसरी पारी में जडेजा खाता भी नहीं खोल पाये. दोनों पारियों में जडेजा ने 4 विकेट चटकाकर अपनी उपयोगिता साबित जरूर की. उनको 10 में से 6 नंबर मिले हैं जो औसत से ऊपर है.
केएस भरत (4/10, खराब) : भरत कभी भी बल्ले से ऋषभ पंत नहीं बनने वाले हैं लेकिन उन्होंने स्टंप के पीछे शानदार काम किया. लेकिन अगर टेस्ट में भारत का बैकअप कीपर बनना है तो उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर काफी मेहनत करनी होगी. भारत को इस मुकाबले में पंत की कमी खली.
शार्दुल ठाकुर (5/10, औसत) : पहली पारी में उनकी 51 रनों की तूफानी पारी ने सुनिश्चित किया कि भारत खेल में बना रहे, लेकिन शार्दुल विशेष रूप से अपनी गेंदबाजी के तरीके से खुश नहीं होंगे. उन्होंने पहली पारी में कुछ भाग्यशाली सफलताएं हासिल कीं, लेकिन दूसरी पारी में वह नाकाम दिखे. उन्हें 8 ओवर में एक भी सफलता नहीं मिली.
मोहम्मद शमी (4/10, खराब) : जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में मोहम्मद शमी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. उन्होंने इतने शॉट बॉल फेंके, जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा. शमी ने पहली पारी में 2 और दूसरी पारी में भी दो विकेट चटकाये. लेकिन सलामी गेंदबाज के लिए केवल 4 विकेट टीम की जीत के लिए पर्याप्त नहीं थे. वह अपनी तेज गेंदबाजी से कंगारु बल्लेबाजों को जरा भी परेशान नहीं कर पाये.
उमेश यादव (2/10, बहुत खराब) : यादव डब्ल्यूटीसी फाइनल के दौरान काफी हद तक बिना तैयारी के और लय से बाहर दिखे. उनकी गेंदबाजी में कोई आक्रामकता नहीं थी और पहली पारी में उनकी लाइन और लेंथ भी चिंताजनक थी. उन्होंने वॉर्नर और हेड को काफी वाइड गेंद फेंकी. दूसरी पारी में, उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया और स्टीव स्मिथ और उस्मान ख्वाजा के विकेट भी लिये, लेकिन भारतीय टेस्ट टीम में उनका भविष्य अंधकारमय दिख रहा है.
मोहम्मद सिराज (7/10, अच्छा) : मोहम्मद सिराज ने पहली पारी में दिल खोलकर गेंदबाजी की और चार विकेट चटकाए. उनकी वजह से ही भारत ऑस्ट्रेलिया को 500 के पार जाने से रोक पाया. दूसरी पारी में उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन सिर्फ एक विकेट हासिल किया. सिराज के लिए अभी मौकों की कोई कमी नहीं होनी चाहिए.