IND vs QATAR: भारतीय फुटबॉल टीम मंगलवार को दोहा में FIFA विश्व कप क्वालीफायर में मौजूदा एशियाई चैंपियन कतर से भिड़ेगी, जो एक कठिन चुनौती होगी. यह मैच इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिग्गज सुनील छेत्री के बिना भारत का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय मुकाबला है, जिन्होंने पिछले सप्ताह कुवैत के खिलाफ गोल रहित ड्रॉ के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लिया था.
छेत्री की कमी निस्संदेह महसूस की जाएगी, क्योंकि वह टीम के मुख्य स्कोरर और मैदान पर एक बेहतरीन लीडर थे. वह 151 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 94 गोल की विरासत छोड़ गए हैं. टीम को अब इस महत्वपूर्ण मैच में आगे बढ़ने के लिए अन्य लीडरों पर निर्भर रहना होगा जो टीम को एक इम्पोर्टेन्ट जीत दिला सकें.
भारत के कोच इगोर स्टिमैक ने मैच के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि टीम छेत्री की अनुपस्थिति के बारे में नहीं सोच रही है और इसके बजाय अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर रही है. स्टिमैक ने टीम को कंपोज्ड रहने और अपने द्वारा बनाए गए चान्सेस का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने टीम के अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता पर भरोसा जताया है और उनसे खेल का आनंद लेने का आग्रह किया है.
IND vs QATAR मैच इंडिया के लिए DO or DIE
अगर भारत को विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर के लिए क्वालीफाई करना है तो कतर के खिलाफ मैच जीतना जरूरी है. अगर कुवैत और अफगानिस्तान अपने मैच में बेहतर परिणाम नहीं पाते हैं तो ड्रॉ भी काफी हो सकता है. यह मैच भारत के मैच के दो घंटे बाद शुरू होगा. हालांकि, हारने पर भारत प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगा, जिससे यह मैच करो या मरो वाला हो जाता है.
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क़तर से पार पाना मुश्किल
भारत की फॉरवर्ड लाइन फॉर्म पाने के लिए संघर्ष कर रही है, रहीम अली और अन्य खिलाड़ी प्रभाव डालने में विफल रहे हैं. टीम को कतर के डिफेन्स को तोड़ने का तरीका खोजना होगा, जो हाल के मैचों में मजबूत रहा है. कतर पहले ही तीसरे दौर के लिए क्वालीफाई कर चुका है और उसने काफी हद तक युवा खिलाड़ियों वाली टीम बनाई है, जिसमें उसके 29 खिलाड़ियों में से 21 खिलाडी 24 वर्ष से कम उम्र के हैं.
यह मैच भारत की रक्षापंक्ति की भी परीक्षा होगी, जो हाल के मैचों में कमज़ोर रही है. कतर की आक्रामक क्षमता भारतीय रक्षापंक्ति के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, जिसे एशियाई चैंपियन को दूर रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. टीम के मिडफ़ील्ड को भी रक्षापंक्ति का समर्थन करने के लिए गेंद को पास करने और मूवमेंट में क्रेअटीव और इंटेलीजेंट होना होगा.