भारतीय टीम के 23 वर्षीय स्ट्राइकर अभिषेक ओड़िशा में खेले जानेवाले पुरुष हॉकी विश्व कप में छा जाने को तैयार हैं. अभिषेक घर में होनेवाले इस टूर्नामेंट में भारत को विश्व विजेता बनाने में प्रमुख भूमिका निभाना चाहते हैं. उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि भारतीय हॉकी विश्व कप टीम में जगह बनाना वाकई मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है. अब मेरा लक्ष्य भारत को हॉकी विश्व कप जिताने में मदद करना है. विश्व कप में खेलने को लेकर बहुत रोमांचित हूं, लेकिन साथ ही एक तरह की बैचेनी भी है.
एफआइएच हॉकी प्रो-लीग 2021-22 व बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय टीम के अहम हिस्सा रहे अभिषेक ने कहा कि मेरे लिए पिछले तीन वर्ष खासे चुनौतीपूर्ण रहे. इस दौरान मेरे विभाग और मेरे कोच ने मेरा बहुत साथ निभाया. 2021 में बढ़िया प्रदर्शन के बाद मुझे भारत के सीनियर कोर ग्रुप के लिए चुने जाने का भरोसा था. इस बार विश्व कप में पदक जीतने की उम्मीद है.
सोनीपत (हरियाणा) के फौजी के बेटे अभिषेक ने मात्र 11 वर्ष की उम्र में अपने स्कूल में हॉकी खेलना शुरू किया था. शिक्षक और उस्ताद शमशेर ने उनके हॉकी कौशल को निखारा. 2016 में बांग्लादेश में अंडर-18 एशियन कप हॉकी का खिताब जीतनेवाली भारतीय की ओर से शानदार प्रदर्शन किया था.
अभिषेक में भारतीय हॉकी की परंपरागत कलाकारी के साथ दुनिया की मजबूत से मजबूत रक्षापंक्ति को भेदने की क्षमता है. 2021-22 में एफआइएच प्रो-हॉकी से सीनियर टीम में जगह बनाने के बाद अभिषेक अब भारत की अग्रिम पंक्ति की जान बन चुके हैं. अभिषेक को खुद गोल करने के साथ गोल के अभियान और पेनाल्टी कॉर्नर बनाना खूब आता है. अभिषेक भारत को इस बार हॉकी विश्व कप मे पदक जिताने वही भूमिका निभा सकते हैं, जो कि टोक्यो ओलंपिक में बतौर स्ट्राइकर अभी भी चोट से उबरने में जुटे सिमरनजीत सिंह ने निभायी थी.