हांगझोउ में खेले जा रहे एशियाई खेलों के 13वें दिन भारतीय हॉकी टीम ने कमाल कर दिखाया है. फाइनल मुकाबले में भारत ने जापान को 5-1 से मात देकर फाइनल मुकाबले को जीत लिया है. हॉकी टीम ने एशियाई खेलों में अपना चौथा स्वर्ण पदक जीता है. इसके साथ ही भारतीय टीम ने अपना पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा हासिल कर लिया है. भारत के तरफ से मनप्रीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास और अभिषेक ने गोल दागे. जापान पूरे मैच के दौरान एक ही गोल कर सका. जापान का ये गोल चौथे क्वाटर में पेनल्टी कॉर्नर से आया.
शुरू से ही भारतीय हॉकी टीम ने दमदार खेल दिखाया.भारत ने लगतार जापान के ऊपर 4-0 से बढ़त बना ली जिसके बाद जापान को एक पेनल्टी कॉर्नर चौथे क्वाटर में मिला, जिसका जापान ने सफल उपयोग किया और भारत के खिलाफ एक गोल दागे. भारतीय खिलाड़ियों ने आक्रमण करना जारी रखा. हालांकि, जापान के डिफेंडरों ने भारत को गोल करने से रोका, लेकिन भारत ने पेनल्टी कॉर्नर का बेहतरीन तरीके से उपयोग किया और पांचवा गोल दागा.
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हाफ टाइम के बाद भी भारत ने आक्रमण करना जारी रखा. जापानी खिलाड़ियों की गलती की वजह से भारत को 4 बार पेनल्टी कॉर्नर मिले. हालांकि, भारतीय टीम इसे भुनाने में सफल नहीं हुई. जब दूसरे क्वार्टर में भारत को पांचवीं बार पेनल्टी कॉर्नर मिला, तब कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने बेहतरीन ड्रैग-फ्लिकर की मदद गोल दागा.
Golden Victory Alert: #HockeyHigh portrayed right by our #MenInBlue 🏒
Team 🇮🇳 outshines 🇯🇵 5⃣-1⃣ and brings home🥇& also a #ParisOlympics Quota 🥳
What a match!!
Great work guys💯 Keep shining 💪🏻#Cheer4India#HallaBol#JeetegaBharat#BharatAtAG22 🇮🇳 pic.twitter.com/UKCKom45tP
— SAI Media (@Media_SAI) October 6, 2023
वहीं, तीसरे क्वार्टर में भारत के लिए अमित रोहिदास ने गोल दागकर भारत की बढ़त 3-0 कर दी. आखिरी क्वार्टर में भारत के लिए अभिषेक ने गोल दागकर इस बढ़त को 4-0 तक पहुंचा दिया. आखिरी पलों में जापान ने एक गोला दागा। आखिरी मिनट में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने गोल दागकर बढ़त 5-1 कर दी. फाइनल सीटी बचने के बाद भारत ने मैच 5-1 से जीत लिया. एशियन गेम्स में भारतीय हॉकी का यह चौथा गोल्ड मेडल है.
भारतीय टीम के गोलकीपर एस श्रीजेश ने अपने करियर की शुरुआत स्वर्ण पदक के साथ की थी. ये एशियाई खेल उनके जीवन का आखिरी खेल था. एशियाई खेलों के शुरू होने से पहले श्रीजेश ने कहा था कि मैं ये आखिरी मुकाबला खेलने उतरूंगा . मैं चाहता हूं कि जिस तरह से मैंने अपने खेल की शुरुआत स्वर्ण पदक से की थी उसी प्रकार से मैं अंत भी स्वर्ण पदक से करूं. नए दौर के आने वाले बच्चे मुझे अपना आइडल माने और मेरी तरह बनना चाहें. श्रीजेश का ये सपना आज भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों ने पूरा कर दिया.
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