Paris Olympic 2024: भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु लगातार तीसरे ओलंपिक खेलों में पदक जीतकर इतिहास रचने के लिए किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ रही हैं और उन्होंने अपना यह लक्ष्य हासिल करने के लिए पिछले कुछ महीनो में अलग-अलग तरीकों से कड़ा अभ्यास किया है. सिंधु ने रियो ओलंपिक में रजत और तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था. अगर वह पेरिस ओलंपिक में पोडियम पर पहुंचने में सफल रहती है तो फिर वह पदकों की हैट्रिक पूरी करने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन जाएगी.
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Paris Olympic 2024: तीसरा पदक जीतने के लिए तैयार सिंधु
पीवी सिंधु पिछले कुछ समय से अच्छी फॉर्म में नहीं चल रही है लेकिन उन्होंने कहा कि पिछले आठ महीने प्रकाश पादुकोण के साथ बिताने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और वह लगातार तीसरा पदक जीतने के लिए तैयार है. सिंधु ने पोर्टे डे ला चैपल एरिना में अभ्यास सत्र के बाद कहा, ‘निश्चित रूप से पदक जीतना मेरा लक्ष्य है. यह पहला हो या दूसरा या फिर तीसरा यह मायने नहीं रखता. मैंने दो पदक जीते हैं और मैं तीसरे पदक के बारे में सोच कर खुद पर दबाव नहीं बनना चाहती हूं.’ अपनी बातों को आगे रखते हुए उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं ओलंपिक में भाग लेती हूं तो वह मेरे लिए नया ओलंपिक होता है. इसलिए मैं जब भी ओलंपिक में खेलने के लिए उतरती हूं तो मेरा लक्ष्य पदक जीतना होता है. उम्मीद है कि मैं जल्द ही हैट्रिक पूरी करूंगी.’
Paris Olympic 2024: मैं अभ्यास के लिए अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर नहीं जा सकती थी: सिंधु
पेरिस आने से पहले सिंधु ने जर्मनी के सारब्रकन में स्पोर्ट कैंपस सार में अभ्यास किया जहां की समुद्र तल से ऊंचाई, मौसम और परिस्थितियां फ्रांस की राजधानी के समान हैं. परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने के लिए वहां उन्होंने अपने कमरे में एक हाइपोक्सिक चैंबर (कम ऑक्सीजन) बनाया और कुछ दिनों तक वहीं सोई. हाइपोक्सिक चैंबर खिलाड़ी के शरीर को अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर खेलने के लिए तैयार करने में मदद करते हैं. सिंधु ने कहा, ‘मैं अभ्यास के लिए अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर नहीं जा सकती थी. मेरे पास बहुत अधिक समय नहीं था और इसलिए मैंने सोचा कि कहीं और जाने से बेहतर होगा कि यहीं उस तरह की परिस्थितियां तैयार की जाए.’
Paris Olympic 2024: मैंने अपने स्ट्रोक्स में सुधार किया है: सिंधु
स्टार भारतीय खिलाड़ी सिंधु ने कहा कि उन्होंने अपने स्ट्रोक्स में सुधार किया है और लंबी रैलियों में वह पहले से बेहतर प्रदर्शन कर रही है. सिंधु से पूछा गया कि पादुकोण के साथ अभ्यास करने से उन्हें क्या अंतर महसूस हुआ, उन्होंने कहा, ‘स्ट्रोक में बहुत अधिक आत्मविश्वास होना. महिला एकल में अब बहुत लंबी रैलियां और लंबी अवधि के मैच होते हैं और मैंने खुद को उनके लिए तैयार किया है.’ उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक प्रतिद्वंदी के खिलाफ आपको अलग शैली अपनानी पड़ती है और सही समय पर सही स्ट्रोक लगाना आवश्यक होता है. प्रकाश सर ने इस बात पर जोर दिया और हमने इस पर काम किया. बहुत सुधार हुआ है. यह आपको कोर्ट पर नजर आएगा.’