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Paris Olympics 2024: पानी से लगता था डर, अब तैराकी में देश को दिलाएगी पदक

Paris Olympics 2024 का आगाज आज से हो रहा है. भारत के तरफ से इस बार 117 खिलाड़ी ओलंपिक में भाग ले रहे हैं. लेकिन इसमे धनिधि देसिंघु की चर्चा काफी तेजी से हो रहा है. तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की वजह.

Paris Olympics 2024 का आगाज आज से हो रहा है. भारत के तरफ से इस बार 117 खिलाड़ी ओलंपिक में भाग ले रहे हैं. जिनसे सभी भारतीयों को पदक की उम्मीद है. ये सभी 117 खिलाड़ी 16 खेलों में भाग ले रहे हैं. जिसकी पदक संख्या 69 है. इसमे भारत के तरफ से दो दो तैराक देश को प्रतिनिधित्व करते हुए भी नजर आएंगे. इनके नाम हैं श्रीहरि नटराज और धिनिधि देसिंघु. आपकी जानकारी के लिए बता दें, दोनों में से धनिधि देसिंघु की चर्चा काफी तेजी से हो रहा है. इसके पीछे की वजह में उनकी उम्र और पानी से डरने की कहानी शामिल है.

Paris Olympics 2024: पानी से लगता था डर

पेरिस ओलंपिक 2024 अभियान के दौरान तैराकी में भारत को प्रतिनिधित्व करने वाली 14 साल की तैराक धिनिधि देसिंघु इस समय अपने बयान की वजह से काफी चर्चा में है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, पानी में गोत्ता लगती और मछली की तरह तैरने वाली धिनिधि को पहले पानी से डर लगता था. उन्हें स्विमिंग पूल में जाना बिल्कुल पसंद नहीं था. धिनिधि ने इंडियन एक्सप्रेस के माध्यम से सभी को बताया कि उनके माता-पिता ने उन्हें तैराकी में डाला क्योंकि उनके घर के पास ही एक स्विमिंग पूल था. लेकिन वो पानी से डरती थीं. उनके माता-पिता को उन्हें पानी से दोस्ती कराने में काफी मेहनत करनी पड़ी.

Paris Olympics 2024: मुझे पानी पसंद नहीं था: धिनिधि

धिनिधि देसिंघु ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, ‘लेकिन मुझे पानी पसंद नहीं था, मैं इसमें नहीं जाना चाहती थी. मैं अपने पैरों को पूल में नहीं डाल सकती थी, मैं अपना सिर अंदर नहीं कर सकती थी. यह एक संघर्ष था. तब मैं छह साल की थी. जब मैं अगले साल वापस आई, तो मैं अभी भी बहुत डरी हुई थी.’ अपनी बातों को आगे रखते हुए धिनिधि देसिंघु ने कहा, ‘मुझे स्ट्रोक्स पता था. बैकस्ट्रोक, ब्रेस्टस्ट्रोक और बटरफ्लाई. लेकिन बस इतना ही. वहां सभी बच्चे लगभग 13 साल के थे और फिर मैं थी, सिर्फ नौ साल की. मुझे मदद मांगने में डर लगता था. मुझे नहीं पता था कि क्या करना है.’

Paris Olympics 2024: कॉम्पिटिशन से लगता था डर

धिनिधि देसिंघु की मां जेसीथा ने भी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनकी बेटी को कॉम्पिटिशन में काफी डर लगता था. वो या तो बीमार पड़ जाती थीं या उल्टी कर देती थीं. लेकिन एक बार जब वो दोनों ही बीमार होकर एक कॉम्पिटिशन में गईं, तो धिनिधि ने हिम्मत दिखाई और गोल्ड मेडल जीत लिया.

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