नयी दिल्ली : दिल्ली फुटबॉल के अध्यक्ष और लंबे समय से खेल प्रशासक रहे शाजी प्रभाकरण को शनिवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) का नया महासचिव चुना गया. एआईएफएफ की नवगठित कार्यकारी समिति ने यह नियुक्ति की. कल्याण चौबे ने एआईएफएफ अध्यक्ष पद के चुनाव में शुक्रवार को बाईचुंग भूटिया को 33-1 से हराया था. चौबे की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति की पहली बैठक में यह फैसला लिया गया. चौबे ने महासचिव पद के लिये प्रभाकरण के नाम की अनुशंसा की जिसे सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया.
समिति ने सुनंदो धर को भी सर्वसम्मति से नया उप महासचिव चुना. आई लीग के सीईओ के तौर पर एआईएफएफ से जुड़े धर को कुशाल दास की रवानगी के बाद एआईएफएफ का कार्यवाहक महासचिव चुना गया था. एआईएफएफ में बदलाव की मांग कर रहे समूह के अग्रणियों में रहे प्रभाकरण ने चुनाव नहीं लड़ा था. सदस्यों का स्वागत करते हुए कल्याण चौबे ने कहा, ‘यह पहली बार है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार छह पूर्व दिग्गज खिलाड़ी समिति का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, ‘हमें मिलकर काम करना है और भारतीय फुटबॉल को आगे ले जाने के हमारे लक्ष्य में निजी अहंकार आड़े नहीं आना चाहिये. अनुशासन सफलता की कुंजी है और हमें जवाबदेह बनना होगा.’
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प्रभाकरण 2017 में दिल्ली फुटबॉल संघ (वर्तमान में फुटबॉल दिल्ली) के अध्यक्ष बने थे. वह फीफा दक्षिण मध्य एशिया विकास अधिकारी भी रह चुके हैं. इसके अलावा अलबर्टो कोलासो के महासचिव रहते वह एआईएफएफ के राष्ट्रीय टीम और विजन निदेशक थे. पहले समझा जा रहा था कि मई में उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रफुल्ल पटेल को हटाये जाने के बाद प्रभाकरण अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे. बाद में पता चला कि चौबे गुट के जीतने पर उन्हें महासचिव बनाया जायेगा.
बाईचुंग भूटिया को छोड़कर कार्यकारी समिति की बैठक में सभी छह पूर्व दिग्गज फुटबॉलर मौजूद थे. कार्यकारी समिति ने महान खिलाड़ी आई एम विजयन को नयी तकनीकी समिति का प्रमुख चुना. समिति में यूजीनसन लिंगदोह, क्लाइमेक्स लारेंस, हरजिंदर सिंह, अरूण मलहोत्रा और पिंकी बोंपाल हैं. भारत के पूर्व कप्तान शब्बीर अली को सलाहकार समिति का अध्यक्ष चुना गया.