EURO 2024: स्पेन और फ्रांस के बीच UEFA EURO 2024 सेमीफाइनल एक रोमांचक मुकाबला था जिसमें स्पेन ने 2-1 के स्कोर के साथ जीत हासिल की और फाइनल में अपनी जगह पक्की की. म्यूनिख के एलियांज एरिना में खेले गए इस मैच में दोनों टीमों के बीच विपरीत शैली देखने को मिली, जिसमें स्पेन की अटैकिंग शैली ने अंततः फ्रांस की रक्षात्मक खेल पर जीत हासिल की.
16 वर्षीय लैमिन यामल ने दिखाया शानदार खेल
स्पेन ने मैच की शुरुआत स्पष्ट रूप से आक्रमण करने के इरादे से की, और उन्हें 21वें मिनट में लैमिन यामल के शानदार गोल से गेम में लीड बनाने का मौका मिला. 16 वर्षीय प्रतिभाशाली यामल ने लगभग 25 गज की दूरी से फ्रांस के गोलकीपर माइक मैगनन को छकाते हुए गेंद को घुमाया, जिससे यह उनके करियर का सबसे खास गोल बन गया और यूरो इतिहास में सबसे कम उम्र का गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए. इस गोल ने मैच में स्कोर बराबर किया.
Dani Olmo ने किया निर्णायक गोल
फ्रांस ने हालांकि आठवें मिनट में रैंडल कोलो मुआनी के गोल से बढ़त हासिल कर ली थी, इस शुरुआती गोल ने उन्हें साइकोलॉजिकल बढ़त दिलाई, लेकिन स्पेन के लगातार दबाव ने जल्द ही असर दिखाया. यमल के बराबरी के गोल के ठीक चार मिनट बाद, डेनी ओल्मो के शॉट को फ्रांस के डिफेंडर जूल्स कोंडे ने नेट में डिफ्लेक्ट कर दिया, जिसे शुरू में खुद का गोल माना गया था, लेकिन बाद में ओल्मो को दे दिया गया.
मैच 60वें मिनट के आसपास कुछ समय के लिए रुका रहा, क्योंकि पिच पर एक फैन ने अधिकारियों को चकमा देकर किलियन एमबाप्पे की ओर दौड़ लगाई, लेकिन उसे रोककर पिच से बाहर कर दिया गया. फ्रांस की डिफेन्स सेटअप, जो आमतौर पर मजबूत होती है, स्पेन के डायनामिक खेल के सामने एक्सपोज हो गई. स्पेनिश टीम ने फ्रांस के फुल-बैक में गैप्स का फायदा उठाया, जिससे उनकी हार हुई. अपने डिफेंसिव फ्लेक्सिबिलिटी के बावजूद, स्पेन की आक्रामक क्षमता को रोकने में फ्रांस की असमर्थता ने अंततः उन्हें टूर्नामेंट से बाहर कर दिया.
EURO 2024: फाइनल में इंग्लैंड या नीदरलैंड से होगा मैच
स्पेन की जीत उनके शानदार फिनिशिंग और टैक्टिकल डिसिप्लिन का प्रमाण थी. उन्होंने दूसरे हाफ में आराम से जीत हासिल की, जिससे यह सुनिश्चित हो गया कि वे फाइनल में पहुंचेंगे. इस जीत ने यूरो में स्पेन की लगातार छठी जीत को भी चिह्नित किया, एक रिकॉर्ड जो अब वे जर्मनी के साथ साझा करते हैं. इस प्रदर्शन ने स्पेन को टूर्नामेंट जीतने के लिए पसंदीदा के रूप में दर्जा दिया है, जबकि फाइनल में उनके विरोधियों का फैसला होना बाकी है. स्पेन अब फाइनल में इंग्लैंड बनाम नीदरलैंड मैच के विजेता से खेलेगा और अपना चौथा यूरो खिताब जीतने का प्रयास करेगा.
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दूसरी ओर, फ्रांस के अभियान में ओपन प्ले से गोल की कमी देखी गई. वे अपने गोल और पेनल्टी पर बहुत ज्यादा निर्भर थे, जिसमें किलियन एमबाप्पे की पेनल्टी ओपन प्ले से उनका एकमात्र गोल था. इस निराशाजनक प्रदर्शन ने मैनेजर डिडिएर डेसचैम्प्स के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
फ्रांस ने हालांकि गोल करने के नौ प्रयास किए लेकिन उनमें से केवल तीन ही निशाने पर लगे जबकि स्पेन ने अपने छह प्रयासों में से दो को गोल में बदला. दोनों टीमों को दो-दो पीले कार्ड दिए गए, जिसमें फ्रांस ने 14 और स्पेन ने नौ फाउल दर्ज किए.