Tokyo Olympics 2020, Mirabai Chanu : ओलिंपिक की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक के लिए भारत का 21 वर्ष का इंतजार खत्म करने वाली मीराबाई चानू अपने पदक के साथ भारत लौट चुकीं हैं. स्वदेश वापसी के बाद मीरा बाई चानू का लगातार स्वागत किया जा रहा है. टोक्यो ओलंपिक में अब तक देश के एक मात्र पकद दिलाने वाली शनिवार को सीमा पर BSF जवानों से मिलने पहुंचीं. मीराबाई चनू शनिवार को मणिपुर के इंफाल में अपने पैतृक गांव नॉन्गपोक के नजदीक स्थित सीआई पोस्ट दामोदर पहुंचीं. यहां उन्होंने बीएसएफ जवानों के साथ वक्त बिताया.
INDIA'S OLYMPIC MEDAL WINNER WITH #BSF TROOPS@mirabai_chanu (Silver Medalist 49 kg Weight Lifting category in #TokyoOlympics ) proudly felicitated by #SeemaPrahari of CI Post Damodar located near her native Village#JaiHind #NationFirst @HMOIndia @PIBHomeAffairs @PIB_India pic.twitter.com/UI9f3hkYa4
— BSF (@BSF_India) July 31, 2021
गौरतलब है कि मणिपुर की इस खिलाड़ी ने 49 किग्रा वर्ग में कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर शनिवार को रजत पदक हासिल किया था. इससे पहले भारोत्तोलन में 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था. पदक जीतने के बाद वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने कहा था कि हमने 5 साल त्याग करके टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने के लिए बहुत मेहनत की. हमारा सपना पूरा हुआ है. इधर भारत में भव्य स्वागत से खुशी चानू ने ट्वीट किया और अपने फैन्स को इसके लिए धन्यवाद कहा.
Also Read: ओलंपिक में बड़ा हादसा! इवेंट के दौरान चोटिल होने से अमेरिकी राइडर कॉनोर फील्ड्स ICU में भर्ती
रजत पदक जीतने के बाद उन्होंने बताया था कि वो दो साल से अपने गांव नहीं जा पायीं हैं, इसलिए भारत लौटते ही वो सबसे पहले अपने गांव गयी. मालूम हो मीराबाई को अपने गांव और देश से गहरा लगाव है. इसलिए वो जहां भी जाती हैं, हमेशा अपने साथ देश की मिट्टी रखती हैं. इसके अलावा अपने गांव का ही चावल विदेश दौरे पर खाती हैं. बता दें कि घर पहुंचते ही मीराबाई की एक फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है जहां वे अपने परिवार से साथ जमीन पर बैठकर खाना खा रही हैं. इस फोटो को देख हर कोई हैराना था और उनकी तारीफ भी कर रहा था.