झारखंड में उत्पाद विभाग ने इस माह राज्य में 428 करोड़ की शराब बिक्री का लक्ष्य रखा है. 22 मार्च तक लगभग 253 करोड़ की शराब की बिक्री हुई. वहीं, होली में 80 करोड़ की शराब की बिक्री हो सकती है. पिछले वर्ष होली से दो दिन पूर्व लगभग 70 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई थी.
पिछले साल एक सप्ताह में बिकी थी 139 करोड़ की शराब
वहीं, पिछले वर्ष होली के दौरान एक सप्ताह में 139 करोड़ की शराब की बिक्री हुई थी. इस वर्ष 150 करोड़ से अधिक की बिक्री होने की संभावना है. वहीं, मार्च में अब तक सबसे अधिक लक्ष्य की तुलना में 80 फीसदी शराब की बिक्री चतरा में हुई है.
इन जिलों में हुई सबसे कम शराब की बिक्री
देवघर, धनबाद, गिरिडीह, बोकारो व पलामू में निर्धारित लक्ष्य की तुलना में सबसे कम बिक्री हुई है. रांची में मार्च में कुल 77.59 करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है. इधर, राज्य भर में शराब की अवैध बिक्री रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
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संघ ने की उत्पाद नीति में बदलाव की मांग
झारखंड शराब व्यापारी संघ के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने उत्पाद नीति में बदलाव का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्व की भांति लॉटरी सिस्टम से शराब दुकानों का आवंटन किया जाये. इससे राजस्व भी बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में शराब से 2009 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई थी.
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2022-23 में सरकार को शराब से 2056 करोड़ का मिला राजस्व
इसके बाद कोविड के बाद वर्ष 2022-23 में 2056 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. इस वर्ष 2360 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि राज्य में राजस्व बढ़ोतरी की पूरी संभावना है. राजस्व बढ़ोतरी को लेकर संघ ने सरकार को सुझाव भी दिया था. राज्य में शराब से 3500 करोड़ तक के राजस्व की प्राप्ति हो सकती है.