जमशेदपुर के पूर्व एसपी और बिहार के डीजी रह चुके राकेश मिश्रा प्रशांत किशोर के साथ जनसुराज का कर रहे जनांदोलन
जमशेदपुर : जमशेदपुर के पूर्व एसपी और बिहार के पूर्व डीजी होमगार्ड रहे रिटायर्ड आइपीएस राकेश मिश्रा का कहना है पुलिस की नौकरी से ज्यादा चुनौतीपूर्ण राजनीति है. इसमें जनता से सीधा जुड़ा होता है. श्री मिश्रा प्रशांत किशोर के साथ जुड़कर काम कर रहे है तथा जनसुराज अभियान में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं. श्री मिश्रा ने कहा कि एक राजनीतिज्ञ को चुनाव तक जाना होता है. तो फिर जनता को जोड़कर रखना, पैसे, जाति समेत अन्य प्रलोभनों से बचाते हुए वोटरों को वोटिंग तक बचाकर रखना बड़ा काम होता है, जिसको पहले से आप प्रेडिक्ट (भविष्यवाणी) नहीं कर सकते है. आइपीएस और अन्य नौकरी में लिमिटेड काम होता है, जिसका सिस्टम बना हुआ है. उस सिस्टम के जरिये काम करता रहना है.
जनसुराज की राजनीति दल की घोषणा होगी, बिहार से शुरूआत, अगर बिहार सही राजनीति समझ जायेगी तो देश समझ जायेगा
अपने भविष्य के कैरियर के बारे में जानकारी देते हुए आइपीएस राकेश मिश्रा ने कहा कि जनसुराज को लेकर बिहार में काम चल रहा है. राजनीतिक दल और चुनाव को लेकर दो अक्तूबर को घोषणा करने की तिथि निर्धारित की गयी है. बिहार से जनसुराज की शुरुआत हुई है. अगर बिहार एक नयी दिशा की राजनीति को समझ जाती है तो देश समझ जायेगा. जनसुराज के माध्यम से जो बदलाव राजनीति में लाने की कोशिश की जा रही है, वह देश में एक क्रांति के सामान है. लेकिन इसका कितना असर हुआ है और लोग कितने जुड़े है, यह चुनाव में जाने से ही मालूम चलेगा. सोच बदलने वाला यह कार्य है, जिसका आकलन चुनाव में किया जायेगा. दो अक्तूबर से पहले एक करोड़ सदस्य जोड़ने का लक्ष्य भी है, जिसका काम किया जा सकता है.
रांची में आइजी सीआरपीएफ बनना बड़ी चुनौती रही
अपने आइपीएस के कैरियर पर बोलते हुए राकेश मिश्रा ने कहा कि रांची में आइजी सीआरपीएफ जब बनकर आये थे तब नक्सलवाद था और चुनाव होने वाला था. वह काफी चुनौतीपूर्ण काम करना था ताकि 350 कंपनी फोर्स को सही दिशा में बिना नुकसान के चुनाव कराना था. इस लिहाज से यह काफी कठिन दौर था.
जमशेदपुर में चैताली रिजवान चौहरे हत्याकांड और हरिसावा हत्याकांड चुनौतीपूर्ण केस था
राकेश मिश्रा 17 माह तक जमशेदपुर के एसपी रहे थे. वे बिहार के डीजी होमगार्ड और अग्निशमन के पद से 2020 में रिटायर किये. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में जब एसपी बने थे, तब कांड आया था चैताली रिजवान द्वारा अपने ही परिवार की हत्या करने का. इस मामले में आरोपियों को पकड़ना और फिर कड़ी से कड़ी जोड़कर परिस्थितिजन्य सबूत को इकट्ठा करना बड़ी चुनौती थी और सजा दिलाना चुनौती थी. लेकिन हम लोग कामयाब हुए. हरि सावा हत्याकांड भी एक चुनौती पूर्ण घटना थी. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के दौरे के दिन यह हत्या हो गयी थी. इस केस को सोल्व कर आरोपियों को जेल भेजने तक एक बड़ा काम था. जमशेदपुर की जनता के सहयोग से इसमें हम लोगों ने सफलता पायी.