बीते ढाई दशक में राजधानी पटना की तरक्की का ग्राफ काफी तेजी से ऊपर उठा है. बहुमंजिली इमारतें जहां शहर की पहचान बनने लगी हैं, वहीं पटना में बीते कुछ सालों में कंस्ट्रक्शन सेक्टर काफी मजबूत हुआ हैं. पटना की आबादी और भौगोलिक विस्तार ने 25 वर्षों में हालात काफी बदल डाले हैं. बढ़ती आबादी और जमीन की कीमत में बढ़ोतरी से ऊंची इमारतों का कॉन्सेप्ट विकसित होने लगा है. ‘काउंटडाउन 13’ में आज हम बात करेंगे कि 25 साल में पटना के इंन्फ्रास्ट्रक्चर व रियल एस्टेट में कितना और कौन-कौन सा बदलाव आया है. इस सेक्टर में आये बदलावों को रेखांकित करती पेश है साकिब की रिपोर्ट.
1983-84 में बोरिंग कैनाल रोड में पटना का पहला अपार्टमेंट बना था. इसके बाद से अपार्टमेंट कल्चर यहां विकसित होने लगा. 2005 से पटना में जब जमीन की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है. लोग अपने बजट को ध्यान में रखते हुए फलैट खरीदने को तरजीह देने लगे हैं, इसके कारण शहर में नये अपार्टमेंट विकसित होने लगे और इसकी डिमांड बढ़ने लगी.
जिन लोगों के पास जमीन के बड़े प्लॉट थे, उन्होंने बिल्डरों को अपार्टमेंट बनाने के लिए देना शुरू कर दिया. इससे उन्हें बिना कोई खर्च किये कई फ्लैट मिलने लगे जिसे किराये पर लगाने से उनकी आमदनी बढ़ी. वहीं उच्च मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग ने निवेश के मकसद से भी फ्लैट खरीदना शुरू कर दिया. इन सबसे पटना में अपार्टमेंट कल्चर विकसित हुआ.
पटना में पिछले कुछ सालों में भले ही अपार्टमेंट कल्चर तेजी से बढ़ा हो, लेकिन शहर में दिल्ली एनसीआर या देश के दूसरे शहरों की तरह टाउनशिप नहीं बन पा रहे हैं. इसका कारण पटना में जमीन की भारी कमी है. पुराने शहरी इलाके में जमीन अब बची नहीं है. नये इलाके में भी आसमान छूती कीमतों के कारण बड़ी सोसाइटी या बड़े प्रोजेक्ट नहीं आ रहे.
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डाकबंगला चौराहा
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फ्रेजर रोड
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एग्जीबिशन रोड
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एसपी वर्मा रोड
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अशोक राजपथ
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बोरिंग रोड
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बोरिंग कैनाल रोड
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एसके पुरी
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पाटलिपुत्र
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कुर्जी
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राजेंद्र नगर
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कंकड़बाग
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बेली रोड
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आशियाना
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गोला रोड
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सगुना मोड़
इन इलाकों में जमीन और फलैट की कीमतें काफी ज्यादा हैं. ये इलाके पटना के सबसे महंगे इलाके के तौर पर जाने जाते हैं. इन इलाकों में फ्लैट की अनुमानित कीमत चार हजार से सात हजार रुपये प्रति स्क्वायर फीट है. ज्यादातर सरकारी और गैर-सरकारी इमारतें इन्हीं जगहों पर हैं. लिहाजा, फ्रेजर रोड, डाकबंगला रोड, बोरिंग रोड, पाटलिपुत्र, राजेंद्र नगर, कंकड़बाग इलाके में आवासीय और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स की मांग ज्यादा है. लेकिन उस अनुपात में जमीन उपलब्ध नहीं है.
क्रेडाई बिहार के चेयरमैन मणिकांत कहते हैं कि पिछले 25 वर्षो में खासतौर से 2005 के बाद पटना में रियल एस्टेट तेजी से विकसित हुआ है. अपार्टमेंट कल्चर बढ़ा है. जमीन और फ्लैट की कीमतें बढ़ी हैं. शहर का विस्तार तेजी से हुआ है और नये इलाके विकसित हुए हैं. अब लोग बेहतर सुविधाओं को ध्यान में रखकर फ्लैट खरीद रहे हैं.
पटना में कुछ वर्ष पहले तक लोग फ्लैट खरीदते समय बजट व शहर से उसके जुड़ाव को ध्यान में ही सिर्फ रखते थे. लेकिन आज सुविधाओं के आधार पर खरीदारी कर रहे हैं. बिल्डरों के मुताबिक आज हर खरीदार चाहता है कि उसका फ्लैट बेहतर सुविधाओं वाला हो. उसकी सोसाइटी बड़ी हो, जहां बच्चों की बेहतर ग्रोथ हो सके आदि को लोग तरजीह दे रहे हैं.
पटना एम्स खुलने के कारण हाल के वर्षों में फुलवारीशरीफ और एम्स के आसपास के इलाके में जमीन की कीमतें काफी बढ़ी हैं. इस इलाके में भी पिछले दस वर्ष में काफी संख्या में अपार्टमेंट का निर्माण हुआ है. राज्य भर से लोग इस इलाके में निवेश के मकसद से भी जमीन खरीद रहे हैं.
आने वाले दिनों में पटना शहर अब पटना-गया रोड की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. इस इलाके में आइएसबीटी जैसे बड़े बस स्टैंड बनने और बेहतर सड़क बनने के कारण रियल एस्टेट तेजी से बढ़ा है. एक्सपर्ट मानते हैं कि आने वाले दिनों में इस रोड से जुड़ा इलाका पटना का नया शहरी इलाका होगा.
पटना में जिन इलाकों में पिछले 15 वर्ष में सबसे तेजी से रियल एस्टेट बढ़ा है उसमें गोला रोड, सगुना मोड़ का इलाका है. यहां पटना में सबसे तेज शहरीकरण हुआ है. इन इलाकों में लगातार नये अपार्टमेंट बन रहे हैं, बड़े शॉपिंग कांप्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट, अस्पताल, स्कूल सभी जरूरी सुविधाएं इस इलाके में देखी जा सकती हैं.
पिछले 25 वर्षों में आशियाना से दीघा तक का इलाका पटना शहर के नये सेंटर के तौर पर विकसित हुआ है. यहां बेहतर मार्केट और अच्छी सड़क, शहर से जुड़े होने के कारण यहां अपार्टमेंट कल्चर काफी तेजी से विकसित हुआ है. जेपी सेतु बनने के बाद दीघा इलाके में अब और भी तेजी से शहर का विकास हो रहा है. शहरी आबादी लगातार बढ़ रही है.
फतुहा इंडस्ट्रियल एरिया से सटे इलाके में भी आने वाले दिनों में तेजी से शहरीकरण बढ़ने की उम्मीद है. पटना का बहुत बड़ा हिस्सा गंगा के तटीय इलाके से घिरा है. जिसकी वजह से पटना का विस्तार गंगा के उस पार हाजीपुर के अलावा दूसरी ओर दानापुर, बिहटा, मनेर और फतुहा तक फैल रहा है.
पटना से सटे बिहटा इलाके में भी पिछले 15 वर्ष में जमीन की कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं. इलाके में आइआइटी पटना, इएसआइसी अस्पताल बनने और अब नये बन रहे बिहटा एयरपोर्ट के कारण लोग इलाके में जमीन और फ्लैट खरीद रहे हैं. खगौल रोड में भी तेजी से नये अपार्टमेंट बने हैं. यहां भी शहरीकरण बढ़ रहा है.
Posted by Ashish Jha