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बिहार शिक्षा परियोजना में सालों से जमे अभियंताओं का होगा तबादला, शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक ने दिये निर्देश

बिहार शिक्षा परियोजना में सालों से पदस्थ अभियंताओं के स्थानांतरण करने का निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने दिया है. शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ में आधिकारिक पत्र जारी कर तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है.

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने बिहार शिक्षा परियोजना में सालों (10 साल) से पदस्थ अभियंताओं के स्थानांतरण करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने परियोजना निदेशक से कहा है कि इस संदर्भ में जरूरी और प्रभावी कदम तत्काल उठायें. इस आशय का आधिकारिक पत्र भी शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है.

सभी अफसर सप्ताह में 10 स्कूलों का करेंगे निरीक्षण

विभाग के अपर मुख्य सचिव पाठक ने परियोजना मुख्यालय के सभी पेशेवर अफसर सप्ताह में एक दिन विद्यालयों का निरीक्षण करेेंगे. यह लोग औसतन दस विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे. निरीक्षण का प्रतिवेदन माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षा निदेशकों को भेजेंगे. उन्होंने बिहार शिक्षा परियोजना को निर्देश दिये हैं कि अगले आदेश तक ड्रॉविंग लिमिट सेट नहीं करेंगे. यह आदेश तक तब रहेगा, जब तक कि बिहार शिक्षा परियोजना पिछले सालों में खर्च की गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र का सर्वेक्षण नहीं कर लेती. साथ ही परिषद यह सुनिश्चित नहीं कर लेती है कि स्पोर्टस किट, साइंस लैब और एफएलएन किट आदि सामग्रियों का सही इस्तेमाल हो रहा है या नहीं.

बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा दी गई राशि का स्कूलों में नहीं हो रहा व्यय

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बीते रोज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई मीटिंग में बताया गया था कि एसएनए खाते के संचालन में दिक्कतें आ रही हैं. क्षेत्रीय अभियंताओं को जीएसटी धारक वेंडर मिलने में परेशानी हो रही है. अपर मुख्य सचिव ने आदेश में कहा है कि ऐसे भी कई मामले प्रकाश में आये हैं. बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा विभिन्न सामग्रियों मसलन खेल सामग्री, लाइब्रेरी की सामग्री, फडामेंटल लिट्रेसी और न्यूमरेसी (एफएलएन), व्यावसायिक शिक्षाा इत्यादि के लिए राशि दी गयी. क्षेत्र भ्रमण से यह पता चला कि इस तरह की दी गयी राशि का व्यय अधिकांश स्कूल में नहीं हो रहा है. यह चिंता का विषय है. इसके अलावा कई अन्य तकनीकी विसंगतियों का जिक्र भी किया गया है.

शिक्षा विभाग में लंबित सभी अवमाननावाद के आदेशों का 22 जुलाई तक होगा अनुपालन

शिक्षा विभाग में चल रहे अवमानना वाद के सभी मुकदमों में पारित आदेश का 22 जुलाई तक पालन होगा. विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने सभी विभागीय निदेशकों एवं उनके समकक्ष अफसरों को आदेश दिये हैं कि 22 जुलाई तक सभी अवमानना वाद अनुपालन हो जाना चाहिए. उन्होंने लिखा है कि इसे गंभीरता से लिया जाये, अन्यथा सभी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की जायेगी.

22 जुलाई तक न्यायालय में अपील करने का निर्देश

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पाठक ने इस पत्र में सभी निदेशकों को लिखा है कि अगर आप लोग समझते हैं कि किसी न्यायादेश के खिलाफ वरीय न्यायालय में अपील करनी है तो वह अपील भी 22 जुलाई तक हो जानी चाहिये. पाठक ने यह आदेश पीत पत्र के बदले में जारी किये हैं. निदेशकों को यह समूची कवायद मुख्यालय स्तर, जिला स्तर और विश्वविद्यालय आदि में दर्ज एमजेसी केसों के संदर्भ में करनी है.

शिक्षा विभाग के विभिन्न निदेशालयों में 13 हजार से अधिक केस लंबित

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग के विभिन्न निदेशालयों में विभिन्न तरह के कुल 13 हजार से अधिक केस लंबित हैं. इनमें सबसे अधिक 10 हजार से ज्यादा कोर्ट केस प्राथमिक निदेशालय में हैं. शिक्षा विभाग में अब तक 27767 कोर्ट केस दर्ज हुए हैं. इसमें से 14405 केसों का निबटारा किया जा चुका है. इसलिए 13 हजार से अधिक केस लंबित हैं. यह संख्या भी लंबित के लिहाज से काफी अधिक है. कोर्ट केसों को निबटाने के लिए शिक्षा विभाग के सचिवालय में रोजाना नियमित समीक्षा की जा रही है.

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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

इधर, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल राहत प्रदान कर दी है . सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दिया है, जिसके माध्यम से पाठक के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए कोर्ट में उपस्थित होने को कहा गया था. इस बात की जानकारी केके पाठक के अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने दी है.

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