पटना. राज्य में नगरपालिका आम चुनाव की अधिसूचना जारी होने में अब चंद दिन शेष रह गये हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है, जिसमें किनकिन लोगों को चुनाव नहीं लड़ना है. राज्य में आंगनबाड़ी सेविकाओं को नगरपालिका चुनाव लड़ने की मनाही है. आंगनबाड़ी सेविका सिर्फ चुनाव ही नहीं लड़ सकती, बल्कि वे किसी प्रत्याशी का प्रस्तावक या समर्थक भी नहीं बन सकती हैं.
राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलों को भेज दिशा निर्देश में स्पष्ट किया है कि नगरपालिका चुनाव नहीं लड़ने वालों में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका, विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान, विशेष शिक्षा केंद्रों में मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक, नगरपालिका पंचायत के अधीन मानदेय या अनुबंध पर कार्यरत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र व अन्य कर्मी, पंचायत के अंतर्गत मानदेय पर कार्यरत दलपति, केंद्र या राज्य सरकार के किसी भी स्थानीय प्राधिकार से पूर्णत: या आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त करनेवाले शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत, पदस्थापित, प्रतिनियुक्त, शिक्षक, प्रोफेसर, शिक्षकेतर कर्मचारी, होमगार्ड, सरकारी वकील, लोक अभियोजक चुनाव नहीं लड़ सकते है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि नामांकन के वक्त थानाप्रभारी मौजूद रहेंगे. नामांकन करनेवाले ऐसे प्रत्याशी जिन पर गैर जमानती वारंट जारी है उसको नामांकन के बाद गिरफ्तार कर लिया जाये. आयोग ने कहा है कि जल्द ही नगरपालिका निर्वाचन को लेकर अधिसूचना जारी होने वाली है. ऐसे में वैसे व्यक्ति भी नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं, जिनके ऊपर गैर जमानती वारंट जारी है. ऐसे में संबंधित थानाप्रभारी या अन्य प्राधिकृत व्यक्ति नामांकन की प्रक्रिया के दौरान नामांकन स्थल पर उपस्थित रहें.
आयोग ने जिलों को विधि-व्यवस्था संबंधी निर्देश दिया है. जिलों को पिछली नगरपालिका आम चुनाव में मतदान केंद्रों पर कब्जा या अन्य मतदान संबंधी अपराध से संबंधित स्थानों का मैप तैयार करने, निर्वाचन संबंधित आपराधिक मामलों का डाटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया गया है. गैर जमानती वारंट एवं फरार अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने को कहा गया है. आयोग ने कहा है कि असामाजिक व उपद्रवी तत्वों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जाये.